दोस्तो ये heart touching story आपके सामने पेश करने का मकसद सिर्फ इतना है की इस कहानी के माध्यम से मे आपको एक बार एक बार फिर से लड़कियो की अहमियत समझा सकु / हालांकि मुझे ये भी अच्छी तरह से पता है की आप सभी पहले से ही लड़कियो की काफी इज्जत करते है और जो सम्मान इस समाज मे नारी को मिलना चाहिए उसे देने मे आप कभी हिचकिचाते नहीं हो / तो पहले आप इस heart touching story को पढ़ ले फिर हम और बाते करेंगे / कहानी है एक वाप और बेटी की जो की इस प्रकार है ….
लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा…,heart touching stories,कोई भी लडकी की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
पति ने घर मेँ पैर रखा….‘अरी सुनती हो !’
आवाज सुनते ही पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली “अपनी beti का रिश्ता आया है, अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है, लडके का नाम युवराज है ।बैँक मे काम करता है। बस beti हाँ कह दे तो सगाई कर देते है.”
उनकी एकमात्र लडकी थी.. घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था । कभी कभार सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और beti के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन वो मजाक मेँ निकाल देते । Beti खूब समझदार और संस्कारी थी ।
S.S.C पास करके टयुशन, सिलाई काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती अब तो beti ग्रेज्यूऐट हो गई थी और नौकरी भी करती थी लेकिन बाप उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे…और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी ।’
दोनो घरो की सहमति से beti और युवराज की सगाई कर दी गई और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया. ब शादी के 15 दिन और बाकी थे.
बाप ने beti को पास मेँ बिठाया और कहा- ” बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई…उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज । तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है। यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे, तू तेरे खाते मे जमा करवा देना.’
“OK PAPA” – beti ने छोटा सा जवाब देकर अपने रुम मेँ चली गई.
समय को जाते कहाँ देर लगती है शुभ दिन बारात आंगन में आयी, पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।फेरे फिरने का समय आया….कोयल जैसे कुहुकी हो ऐसे beti दो शब्दो मेँ बोली“रुको पडिण्त जी ।
मुझे आप सब की उपस्तिथि मेँ मेरे पापा के साथ बात करनी है,”“पापा आप ने मुझे लाड प्यार से बडा किया, पढाया, लिखाया खूब प्रेम दिया इसका कर्ज तो चुका सकती नही.लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से आपने दिया दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना
और दूसरा चेक तीन लाख जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है..जब आप रिटायर होगेँ तब आपके काम आयेगेँ, मैँ नही चाहती कि आप को बुढापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पडे ! अगर मैँ आपका लडका होता तब भी इतना तो करता ना ? !!! “
वहाँ पर सभी की नजर beti पर थी…“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?” बाप- भारी आवाज मेँ -“हां बेटा”, इतना ही बोल सके । “तो पापा मुझे वचन दो”आज के बाद सिगरेट के हाथ नही लगाओगे….तबांकु, पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे। सब की मौजुदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ ।.”
लडकी का बाप मना कैसे करता ? शादी मे लडकी की विदाई समय कन्या पक्ष को रोते देखा होगा लेकिन आज तो बारातियो कि आँखो मेँ आँसुओ कि धारा निकल चुकी थी। मैँ दूर se us beti को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था….रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था….
साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??
लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा, “भ्रूण हत्या करने वाले लोगो को इस जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या” ???
इस heart touching story hindi के माध्यम से आपको अपने देश मे पल रही कुछ बीमारियो के बारे एक बार फिर से याद दिलाना चाहता हु और आप यकीन मानिए ये सब बहुत घातक बीमारिया है जो सिर्फ हमे बर्बाद नहीं करती बल्कि हामारी सोच मे घुसकर हमारे साथ साथ इस देश को भी पतन की और ले जा रही है इन बीमारियो के नाम है ये बीमारिया कुछ यू है भ्रूण हत्या ,नारी सम्मान ,लड़कियो की समाज मे लड़को के साथ असमानता ,बलात्कार ,women empowerment और भी कई है बस नाम बदल जाते है इन बीमारियो के पर असल मे बदलने चाहिए तो हमारी सोच ….लड़कियो को लड़को से कम मत समझो चाहे बो जिंदगी का कोई भी हिस्सा हो।
आप क्या सोचते है इस कहानी, और लड़कियो के बारे मे हमे जरूर कमेंट करके बताए ॥
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फिर मिलुंगा आपसे एक नई कहानी मे तब तक के लिए अलविदा .