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Best love story in hindi-मेरा पहला और आखिरी प्यार

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Best love story in hindi 

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मेरा नाम अनुज है और मुझे पहला और शायद आखिरी प्यार चौदह साल की उम्र मे ही हो गया था। में उस समय दसवीं कक्षा मे पढ़ता था। प्यार करने के हिसाब से उम्र शायद कम थी पर क्या करे जनाब आजकल तो इसी उम्र मे मोहब्बतें हो जाया करती है।

तो मॉडर्न जमाने के आधार पर मुझे भी हो गई थी। मुझे मेरा पहला प्यार मेरी ही कक्षा मे पढ़ने वाली अनाया नाम की लड़की मे नजर आता था। जितना खूबसूरत उसका नाम था उससे कही ज्यादा खूबसूरत वो खुद थी। उसकी उम्र भी लगभग 14 या 15 वर्ष रही होगी।

अनाया बड़े घर की लड़की थी। उसके पापा सरकारी डॉक्टर थे। इस हिसाब से वो पैसे वाले लोग थे। में मन ही मन उसको दिल दे बैठा था पर हमेशा कहने से डरता था। मेरे पिता एक किसान थे। हमारे घर के हालात सामान्य ही थे। इसलिए शायद इस फर्क की वजह से भी कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया।

पर जी भी हो इन सब के चलते मेरी एक आदत मे काफी सुधार आ गया था। पहले मे स्कूल न जाने के लिए तरह तरह के वहाने बनाता था।  लेकिन उन दिनो सही वक्त पर तैयार होकर चुपचाप स्कूल चला जाता था। मम्मी पापा सोचते थे ये अनुज ही है ना !!! पर फिर सोचते थे की चलो जो भी हो लड़का सुधर तो गया। शायद बोर्ड exam का असर है पर उन्हे कहा पता था की मे तो प्यार के कॉलेज मे दाखिला ले चुका था।

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school love story in hindi | Beginning of hindi love story

समय हाथो से कब फिसलता चला जा रहा था पता ही नहीं चल रहा था। पर मे कभी भी उसको अपने दिल के हालत सुनाने मे कामयाब नहीं हो पाया।  बस जब उसकी नजर कही और होती थी तो चोरी छुपे मे उसको देख लिया करता था। कभी कभार तो मे उससे बाते करने के लिए उसके पास जाता पर जैसे ही उसके पास पहुंचता किसी न किस पढ़ाई के टॉपिक पर बात करके वापस आ जाता था। पर दिल मे मेरे क्या है उसके लिए इन सब बातो से वो हमेशा अंजान ही रही।

अब तक हम दसवी पास कर चुके थे। हम  अपने अपने रिपोर्ट कार्ड लेने स्कूल आए थे। ये हमारा स्कूल का आखिरी दिन था। उसी दिन मुझे पता चला की अनाया के पापा का ट्रान्सफर हो चुका है। वो अब आगे की पढ़ाई किसी और शहर मे जाकर करेगी। मुझे तो शुरू से ही पता था की मेरे पापा भी मुझको आगे की पढ़ाई करने के लिए किसी और शहर मे भेजने वाले है। मतलब अब शायद जिंदगी मे हम कभी नहीं मिल पाएंगे।

अनाया के लिए मेरे दिल मे प्यार आज भी उतना ही था। मेरा दिल बैठा जा रहा था ये सोचकर की वो मुझसे दूर जा रही है। सभी दोस्त एक दूसरे से गले मिल रहे थे, एंजॉय कर रहे थे। पर मे अपने आंशु छुपाता फिर रहा था। मैंने देखा अनाया भी अपने फ्रेंड के साथ काफी खुश थी। उसके चेहरे की खुशी देखकर मेरे चेहरे पर भी मुस्कान उभर आई।


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उसकी तस्वीर अपनी आंखो मे उतार लेना चाहता था

मे एकांत सी जगह मे बैठा था। सभी लोगो से मिलने के बाद अनाया की नजर मुझ पर गई। तो वो मुझसे भी मिलने के आगे बढ़ी। उसको अपनी तरफ बढ़ता देख मे सटाक से खड़ा हो गया। वो मेरे पास आई हाथ आगे बढ़ाया। मैंने भी अपना हाथ आगे बढ़ाया उसके बाद उसने क्या बोला मुझे सुनाई नहीं दिया। क्यूंकी मे उसके चेहरे को इतनी गौर से देख रहा था की शायद जिंदगी भर के लिए उसकी तस्वीर अपनी आंखो मे उतार लेना चाहता था

मुझे होश तब आया जब उसने अपना हाथ वापस खींचा और ना चाहते हुये मैंने उसका हाथ छोड़ा। उसके बाद bye कहते हुये मुड़ के जाने लगी। जब वो मुड़ रही थी,उसके गले मे लटका हुआ identity card जमीन पर गिर पड़ा। मैंने बिना एक सेकंड गवाए वो identity कार्ड उठा लिया। उस कार्ड पर अनाया की फोटो थी। मेरे मन मे ख्याल ये था, की इस फोटो को देखकर ही में अपनी यादे ताजा कर लिया करूंगा।

किसी तरह पैसे का जुगाड़ करके मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए शिकोहाबाद से बाहर भेज दिया। अनाया भी अपने परिवार के साथ दूसरे शहर चली गई ।



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में  हमेशा-हमेशा के लिए अनाया से जुदा हो चुका था। समय को कौन पकड़ सकता है। समय बीतता गया। मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली और एक बड़ी कंपनी मे अच्छी तंख्वाह पर नौकरी भी मिल गई। जिंदगी की लगभग सारी जरूरते पूरी हो रही थी। पर फिर भी जिंदगी मे कही न कही कमी हमेशा खलती थी।  उस कमी का नाम था “अनाया” काफी जद्दोजहद करने के बाद भी में कभी अनाया का पता नहीं लगा पाया। बस उसका खिलखिलाता चेहरा जो मैंने आखिरी बार देखा था मेरी नजरो के सामने रहता था। अब तक तो काफी बदल चुकी होगी। हो सकता है मेरे सामने से गुजर जाये तो में पहचान भी न पाउ।

घर वालो ने काफी जद्दोजहद के बाद एक सुंदर सी लड़की मेरी शादी के लिए तलाश ली। संयोग वश उस लडकी का नाम भी अनाया था। हमारी शादी हो गई। में अपनी पत्नी अनाया को जब भी उसके नाम से बुलाया करता था,मुझे मेरी बचपन की अनाया याद आ जाया करती थी। अपनी पत्नी के चेहरे मे मुझे मेरे बचपन के प्यार का चेहरा दिखने लगता। लेकिन फिर भी मैंने आज तक कभी भी अपनी पत्नी को ये महसूस नहीं होने दिया की में आज भी किसी और से बेंइतहां मोहब्बत करता हु। आखिर वो मेरेलिए  अपना सबकुछ छोड़ के आई है। तो उसका हर तरह से ख्याल रखना मेरा फर्ज था।

मैंने अपने आंशु पोंछे ही थे,की…

एक दिन की बात है मे अपनी बचपन की डायरी खोल कर बैठा ही थ। उसमे से अनाया का identity कार्ड निकल के जमीन पर गिर गया। उस पर लगी अनाया की तस्वीर को देखकर मे अपनी आंखे गीली होने से ना रोक पाया। मैंने अपने आंशु पोंछे ही थे, की तभी मेरी पत्नी अनाया एकदम से कमरे मे आ गयी। उसने मेरे हाथ मे identity कार्ड को देख लिया जिसको मे छिपने की कोशिश कर रहा था। तभी उसने मेरे हाथ की तरफ इशारा करते हुये पूछा ऐसा क्या है आपके हाथ मे जो आप मुझसे छुपा रहे हो।

मैंने अपनी लड़खड़ाती हुयी जुबान से कहा,” अरे कुछ नहीं वो बस ऐसे ही मेरे एक बचपन के दोस्त का identity कार्ड है ” यह कहते हुये मैंने वो identity कार्ड डायरी मे बंद कर दिया।

मेरे इस तरह के व्यवहार से मेरी पत्नी की उत्सुकता और बढ़ गयी।

उसने बड़े ही प्यार से मुझसे कहा,” लाइये मुझे भी दिखाईए।” इतना कहते हुये उसने डायरी मेरे हाथ से छीन ली।
identity कार्ड पर लगे photo देख कर एकाएक बोल पड़ी ये कौन है।

मैंने कहा ,” अरे कोई नहीं वो मेरे बचपन की दोस्त है ”

फिर वो एकदम से बोली पर मे भी तो बचपन मे ऐसी ही दिखती थी। ये तो शायद मेरा ही फोटो है …अरे हाँ हाँ सरस्वती विध्या मंदिर यही तो मे पढ़ती थी अरे ये तो मेरा ही बचपन का फोटो है।

इतना सुनने के बाद मे तो एकदम सुन्न रह गया। मुझे लगा मानो मे सपना देख रहा था। कही ऐसा न हो की मे खुशी से पागल हो जाऊ। मैंने उससे फिर पूछा सच मे ये तुम्हारी ही फोटो है।

उसने अपनी बात पर ज़ोर देते हुये कहा,” हाँ बाबा पक्का ये मेरा ही फोटो है पर पर ये तुमको कहा से मिला।”

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में छूटते ही बोला पर मे तो इस लड़की से बचपन से प्यार करता हु। इतने बोल के मेरे आंखो से आंशु की गंगा जमुना निकल पड़ी । उसके बाद मुझे और यकीन दिलाने के लिए मेरी पत्नी यानि अनाया ने मुझे अपनी पर्सनल डायरी दिखाई जिसमे उसके कई सारे बचपन के फोटो लगे हुये थे। अब तक मुझे यकीन हो चुका था की ये वही अनाया है जिसे मे बचपन से प्यार करता हु।

उसके बाद अनाया ने मेरे आंशु पूछते हुये मुझे अपनी बाहों मे भर लिया, क्यूंकी वो भी जान चुकी थी की मे उसको अभी से नहीं बचपन से चाहने बाला पति मिला है।  उधर मे मन ही मन भगवान को बार बार शुक्रिया अदा कर रहा था। की उसने मुझे मेरा प्यार हमेशा हमेशा के लिए लौटा दिया ।
अब मे उसे यानि अपनी पत्नी अनाया जो की मेरा बचपन का प्यार था, को जिंदगी भर के लिए अपनी बाहो मे कैद करना चाहता था। उसके बाद हमने अपने बचपन की सारी यादे ताजा की।

दोस्तो आपने सुना तो होगा ही जब आप किसी से शिद्दत से मोहब्बत करते है तो पूरी कायनात आपको उससे मिलने की कोशिश करती है। और शायद यही मेरे साथ हुआ था।



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