hindi story Episode.008 true love story लड़को के पास दो ही तो टॉपिक होते है sad love story mishra’s lover 05:45 pm
हर रोज की तरह मे उस शाम को भी रिमपी के घर पहुंचा । बो अभी तक सो
ही रहा था । मैंने जा कर उसको उठाया । कुछ थोड़ी देर के बाद वो उठा।
मैंने उससे पूछा , छत पर चलेगा या रोड पर घूमने चले ।
उ….. … चल रोड पर घूमने चलते है । उसने भोहें उचकते हुये कहा ।
मैंने भी हामी भर दी ।
हर रोज की तरह … हमारी रोज मररा की बातें ही चल रही थी । और वेसे भी
ये तो सभी को पता है ….. लड़को के पास दो ही तो टॉपिक होते है जिन पर,
लड़के वॉर हुये बिना घंटों तर्क-वितर्क कर सकते है । वो है …..
नंबर एक -लड़की
नंबर दो – ###
लेकिन फिलहाल तो हम नंबर एक ही discuss कर रहे थे । जो भी जहां
दिख रही थी ,उसी के बारे मे ।
लेकिन कोई बात ऐसी भी थी ,जो दिख नहीं रही थी पर मुझे स्पष्ट नजर आ रही
थी ।उसके चेहरे पर …..
कुछ ऐसा जो उसे उलझन मे डाले हुये था। पर शायद वो उन शब्दो को जुवान पर
नहीं ला पा रहा था । पर उसके बिना बोले ही ,मैंने बो शब्द उसके चेहरे पर पढे ,
उसके अनकहे उन सवालो को मैंने उसकी आँखों मे झलकते हुये देखा , फिर मैंने
ही शुरुआत करने की सोची ।hindi love story
मैंने साधारण सी भाषा मे उससे कहा ,”ओए सुन वो मुझे नहीं जानती,और नहीं मे
उसे जानता हु । ”
एक पल के लिए वो चौंका ,”कौन …. कौन तुझे नहीं जानती ”
में ,” वही जिसके बारे मे , में बात कर रहा हु ”
उसने बड़ी ही मासूमियत के साथ कहा ,”मुझे क्या पता तू किसके बारे मे बात कर रहा है ।”
(जबकि मुझे पता था कि उसे पूरा पता था मे किसके बारे मे बात कर रहा था )
यार वही जिसे आज कॉलेज से लौटते हुये मैंने तुझे दिखाया था ।
rimpy ,” ओहह …. वो ….. तो तू उसके बारे मे बात कर रहा है। तो साफ
-साफ बोल न ,घूमा फिरा के क्यू बात कर रहा है । ”
साफ साफ ही बोल रहा हु ,इसमे घूमाने फिराने बाली कोन सी बात है।
रिमपी ,”फिर भी कुछ तो जानती होगी तेरे बारे मे , या फिर तू उसके बारे मे ”
में ,” ना कुछ भी न पता मुझे उसके बारे मे ,……. और रहा उसके बारे मे , बो तो
शायद मुझे पहचानती भी नहीं । ”
रिमपी ,” क्या ……. तृझे पहचानती भी नहीं, ये तो नहीं हो सकता ।वो , तुझे पहचानती
है और ये मैंने अपनी आँखों से देखा है । और मे गलत नहीं हो सकता । ”
(इस समय जरूरत से ज्यादा आत्म-विश्वास मुझे उसकी आँखों मे साफ नजर आ रहा था )
पर फिर भी तू कुछ भी नहीं जानता उसके बारे मे
में ,”अब क्या तुझे स्टांप पेपर पर लिख कर दु । ” मैंने उस पर आँखें लाल करते हुये कहा।
रिमपी ,” नहीं मेरा कहने का मतलब था । उसका नाम , बगैरह -2 ”
में,”नाम ….. मुझे तो उसकी cast नहीं पता। तू नाम की बात कर रहा है ।उसका घर
कहाँ है , वो कहाँ रहती है , शिकोहाबाद की है भी या नहीं । ”
इतना सुनकर रिमपी मेरी बात बीच मे ही काटते हुये बोला ,”एक काम करो भाड़ मे जाओ
तुम , उसके अलावा कोई चारा नहीं है तुम्हारे पास ”
में ,” पर एक चीज मुझे पता है न उसके बारे मे ”
रिमपी,” क्या ……?????”
में ,” उसको देखकर मुझे ऐसा लगता है कि वो या तो सिक्ख है या फिर मुस्लिम ”
रिमपी,”कैसे …….?????”
में ,” यार सिम्पल सी बात है। इतनी खूबसूरत लड़कियां सिक्खो मे ही मिलती है ।”
रिमपी,”मतलब तू ये कहना चाहता है , इसलिए वो हिन्दू नहीं हो सकती । और फिर
मुस्लिम का क्या ??”
में ,”अरे यार ऐसा कुछ नहीं है । मे यहाँ धर्म – धर्म नहीं खेल रहा हु । और न ही कुछ
ऐसा मेरे दिमाग मे कुछ चल रहा है । ”
रिमपी,”फिर…..?????”
में ,”मे तो बस यूं ही ……. ;;; बस ऐसे ही एक अंदाज ही बयान कर रहा था । ”
रिमपी,”जो भी हो पर तेरा अंदाजा एकदम वकवास था। ”
(मैंने देखा हम टहलते टहलते काफी दूर निकाल आए थे । मैंने उससे u टर्न लेने का
इशारा किया । वार्तालाप हमारा चालू ही था । हम अब वापस मुड़ चले थे । )
में,” हो सकता है , मैंने ये तो नहीं कहा कि नहीं हो सकता । ”
रिमपी,”इसमे कहने का क्या है , वो तो तू कह भी नहीं सकता ”
इतना सुनने के बाद मे बस खीज कर रह गया ।
में,” okk…. जो भी । ”
रिमपी,”खैर ……ये बता तू उसके बारे मे पता तो करना चाहता होगा। ”
मैंने उसकी तरफ देखा सिर्फ ये पता करने के लिए वो मुझसे पूछ रहा है या मुझे बता
रहा है।फिर उसके चेहरे के हाव भाव से मुझे एहसास हुआ ।वो मुझसे पूछ रहा है ।
मैंने हाँ मे सिर हिला दिया ।
रिमपी,”कोई ना …….. दोनों मिल के कर लेंगे । ”
(उसने तो मेरे दिल कि बात कह दी थी । मुझे तो कही न कही उसकी सहायता कि
जरूरत थी । और वेसे भी जब कोई बिना पूछे ही ऐसा कुछ कह देता है तो बड़ा सुकून मिलता है ।)
रिमपी,”ओक्क…….जब जरूरत हो मेरी बता दियो ।
में,”जरूर …. । ”
इस टॉपिक को लेकर हमारे बीच कुछ ज्यादा चर्चा नहीं हुयी। पर जितनी भी हुयी मेरे लिए
काफी थी । बस कुछ दो चार सवाल उसने मुझसे पूछे और बस दो चार सवालो के जबाब
ही मैंने दिये । क्यूंकी मेरा इरादा , उसके दिल मे उठ रहे सवालो के जबाब ही देना था ।और
मे,ये भी जाताना चाहता था की मे उससे कुछ छुपा नहीं रहा, और वेसे भी दोस्त को सबसे
ज्यादा समस्या तव होती है जब तुम उससेलड़की की बात करो जिसके बारे मे तुमने कभी
अपने दोस्त से चर्चा नहीं की हो।
वेसे अभी तक ऐसा कुछ नहीं था । और शायद आगे भी नहीं होगा । क्यूंकी उस अजनबी से
चेहरे के बारे मे मैंने ऐसा कुछ सोचा ही नहीं था । और …… शायद …शायद सोचुंगा भी नहीं ।
उसके बाद हमारे पास इस टॉपिक पर बात करने को कुछ नहीं बचा था । हमने फिर से हमारा
टॉपिक बदला ।अपना पुराना टॉपिक जहां छोड़ा था ,वही से फिर चालू किया ।एक बार फिर से
तल्लीन हो गए,हम अपने पुराने टॉपिक पर चर्चा करने मे। जब चारो तरफ अंधेरा छा गया ,अब
अपने -अपने घर वापस लौटने का खयाल हमारे दिल मे आया । और उस बढ़ते हुये अंधेरे के
साथ ही हमारे कदम भी अपने घर की और बढ़ चले।to be continued…..
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