Saraswati Puja
हैलो नमस्कार दोस्तो तो आज हम आपको इस आर्टिकल Saraswati Puja की सारी जानकारी देने वाला हूँ, जो आपको मालूम होना बहुत ही आवश्यक हैं, ये सब आप जब ही जान पायेंगे जब आप इस पोस्ट को अंत तक पढ़ेंगे, तो जल्दी से आप इस आर्टिकल कल को पूरा पढ़ें और Saraswati Puja की सारी विधि आराम से जाने जो आपके लिए काफी काम आने पुजा है।
Table of Contents
आपको हमारी इस Website मे Saraswati Puja जैसे कई सारे आर्टिकल देखने को मिल जायेंगे, जिनके बारे मे आप बड़े आराम से जान सकते है, जो आपके बहुत काम आने वाली है, क्योकि आपको पता होना चाहिए की कब पूजा है और कब शुभ मुहूर्त है,अभी के लिए आप इस आर्टिकल Saraswati Puja मे सारी महत्वपूर्ण जानकारी जान लीजिए।
बर्थड़े के नए आइडियास जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: Best Birthday
बसंत पंचमी 2024 | Basant Panchami 2024
हर साल बसंत पंचमी का त्योहार ( Basant Panchami 2024 Festival ) बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है, जानें अब बसंत पंचमी 2024 मैं कब है?
वसंत पंचमी उत्तर भारत मैं प्रसिद्ध त्योहार है, और यह त्योहार हिंदुओं का है, कुछ हिंदू इस पर्व को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं, सरस्वती पूजा की वसंत पंचमी भी कहा जात ही, और यह एक ऐसा त्योहार हैं, जो वसंत के आगमन के प्रारंभिक तैयारियों को चिन्हित करता है, जो भारत मैं भिन्न क्षेत्रों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है, और यह त्योहार माह के महीने की शुक्ल पंचमी के दिन, हर साल मनाया जाता है।
देवी सरस्वती को विधा की देवी कहा जाता है, इस दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है, क्योंकि प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जात है, वसंत पंचमी त्योहार, देवी सरस्वती को समर्पित पर्व है, जो ज्ञान, भाषा और संगीत सभी कलाओं की देवी हैं, इस त्योहार पर महिलाएं पीले रंग के कपड़े पहनती हैं, और पीले ही रंग के पकवान बनाती हैं, भारत मैं पूरे साल को छ: मौसमों मैं बाटा जाता है, जिसमे से वसंत का मौसम सबका पसंदीदा मौसम होता है, इस महीने में, खेतों मैं भी सरसों के पीले रंग के फूल खिले नजर आते है।
वसंत पंचमी को होली के पर्व की तैयारी का प्रतीक माना जाता है, जो कि इस 40 दिन बाद आती है, वसंत पंचमी मैं भगवान विष्णु और काम देव की पूजा भी की जाती है, शास्त्रों में वसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, और पुराणों और शास्त्रों में अनेक काव्यगृंथो में भी भिन्न ढंग से वसंत पंचमी का उल्लेख मिलता है, देवी सरस्वती की पूजा करने से अज्ञान भी ज्ञान के दीपक जलाता है।
इस दिन लोग अपने घरों में पीले रंग के पकवान बनाती हैं, कुछ पीले कलर के चावल भी बनाते हैं, तो कुछ केसर का इस्तेमाल करते हैं।
सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, विनावादिनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है, ये देवी विधा और बुद्धि प्रदाता हैं, संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी मानी जाती हैं, वसंत पंचमी के दिन इनके प्रकटोत्सव के रूप मैं भी मनाते हैं, ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है-
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु
अर्थात ये परम चेतना हैं, सरस्वती के रूप मैं ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की सारक्षिका हैं, हमसे जो आचार और मेधा है, उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं, इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है।
ये भी पढ़ें – Happy Navratri 2023
वसंत पंचमी कथा | Vasanta Panchami Katha
प्रारंभिक काल में, ईश्वर शिव की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने जीवों और मनुष्यों की रचना की थी, लेकिन ब्रह्मा जी अपने रचना से खुश नहीं थे, तो ब्रह्मा जी ने भगवान विष्णु की आराधना की, तब विष्णु भगवान उनके सामने प्रकट हुए, ब्रह्मा जी ने अपनी परेशानी विष्णु भगवान के सामने प्रस्तुत की लेकिन विष्णु भगवान के पास उनके परेशानी का समाधान नहीं था, इसलिए दोनों ने मिलकर आदिशक्ति माता दुर्गा का आह्वान किया, उसके बाद दुर्गा माता प्रकट हुई, और उनकी परेशानी के समाधान के लिए अपने शरीर से माता सरस्वती को प्रकट किया, तभी से, सभी जीवों का वाणी प्राप्त हुई, इस प्रकार देवी सरस्वती का जन्म हुआ था।
सरस्वती पूजा 2024 | Saraswati Puja 2024
वसंत पंचमी के दिन साहित्य, शिक्षा, कला आदि क्षेत्र से संबंधित लोग विधा की देवी सरस्वती की पूजा करते हैं, देवी सरस्वती की पूजा के साथ साथ सरस्वती श्रोत का पाठ भी करते हैं, इस पूजा को करने से अद्भुत फल की प्राप्ति होती है, और माता सरस्वती प्रसन्न भी होती हैं।
वसंत पंचमी 2024 की कथा | Basant Panchami 2024 Katha
इस पर्व से संबंधित एक और जरूर कथा प्रेम के हिंदू देवता काम और उनकी पत्नी रति की कहानी है, इस कथा के अनुसार, भगवान कामदेव को उनके गलत कामों की वजह से भगवान शिव ने भस्म कर दिया था, जिसके पश्चात उनके पत्नी रति की अपने पति कामदेव की वापसी के लिए 40 दिनों की घोर तपस्या करनी पड़ी थी।
सरस्वती पूजा फोटो | Saraswati Puja Images
अगर आप भी इस सरस्वती पूजा पर नए सरस्वती देवी के फोटो लेना चाहते है, तो आपको नीचे दिये गए फोटो को आप डाउनलोड कर सकते हो, जो काफी अच्छे images दिये हैं।
सरस्वती पूजा की विधि | Saraswati Puja Ki Vidhi
पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहनने चाहिए, उसके बाद माता सरस्वती की मूर्ति को पीले कलर के वस्त्र अर्पित करें, और फिर रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफल कलर के फूल पीली मिठाई अर्पित करें, पूजा के स्थान पर बाध यंत्र और किताबें चढ़ाएं, माता सरस्वती की पूजा का पाठ करें, पढ़ने वाले बच्चे चाहें तो इस दिन देवी सरस्वती का उपवास भी रख सकते हैं, पूजा मैं माता सरस्वती के इस श्लोक का नाम करें। ॐ ऐं सरस्वत्ये नम:। इस मंत्र का जाप करने से विधा, बुद्धि, विवेक बढ़ता है।
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त | Basant Panchami Muhurat
त्योहार का नाम | बसंत पंचमी 2024, वसंत पंचमी 2024, वसंत पर्व और सरस्वती पूजा |
बसंत पंचमी की तारीख | 14 फरवरी 2024 |
बसंत पंचमी का दिन | बुधवार |
बसंत पंचमी तिथि आरंभ | 14 फरवरी 2024 को दोपहर 2:41 PM से |
बसंत पंचमी तिथि समाप्त | 14 फरवरी 2024 12: 09 PM तक |
बसंत पंचमी पूजा मुहूर्त | 07 : 01 AM से 12: 35 PM तक |
कुल समय | 05 घंटे 34 मिनट |
तो दोस्तों उम्मीद करता हूं, आपको Saraswati Puja से जुड़ी सभी सभी जानकारियों के बारे मैं पता चल गया होगा, और फिर भी आपके मन मैं कोई सवाल है, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं, जिसका समाधान भी आपको जल्द मिल जायेगा, ऐसी ही जानकारी पाने के लिए जल्दी से हमारे साथ जुड़ जाएं, और अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें।
Ganesh Chaturthi Puja Vidhi | गणेश चतुर्थी पुजा विधि और शुभ मुहूर्त Latest 2023
Best True Love-Love Story In Hindi 2023 | कहानी जो आपका दिल छू ले।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमारी Saraswati Puja पोस्ट को पूरा पढ़ा और और अपने यार दोस्त और रिश्तेदारों के साथ शेयर किया।
6 thoughts on “Saraswati Puja 2024 | सरस्वती पूजा तिथि 2024 | बसंत पंचमी 2024 | वसंत पंचमी Latest”
Comments are closed.