Buddh Purnima Kab Hai
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट मैं आपको जानने के लिए मिलेगा, Buddh Purnima Kab Hai और साथ ही मैं बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी सारी बाते आप इस आर्टिकल के जरिए से जान सकते हैं, और आपने बुद्ध का नाम तो सुना ही होगा, हम उन्ही भगवान गौतम बुद्ध की बात कर रहे हैं।
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गौतम बुद्ध एक श्रमण थे, जिनकी शिक्षाओं के कारण बुद्ध धर्म का प्रचालन आया, गौतम बौद्ध के बारे मैं और उनके द्वारा कहे गए अनमोल वचन हिंदी मैं अनुवाद के साथ हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं, साथ ही बुद्ध पूर्णिमा क्या है, कब मनाई जाती है, क्यों मनाई जाती है, ये सब आपको इसी लेख मैं हम बताने जा रहे हैं।
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बुद्ध पूर्णिमा क्या है | Buddh Purnima Kab Hai
बुद्ध पूर्णिमा बुद्ध का जन्म दिवस है, जिन्होंने बुद्ध धर्म की शुरुआत की थी, ये बुद्ध धर्म के प्रवर्तक थे, उनका नाम सिद्धार्थ था, और इन्होंने गौतम गोत्र में जन्म लिया था इसलिए इन्हें गौतम नाम से भी जाना जाता था, उन्होंने अपने कार्यों से सिद्धि प्राप्त की थी,
इसलिए इनका नाम सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध हो गया था, और फिर ये भगवान बुद्ध कहे जाने लगे, और लोग उन्हें पूजने लगे, उनकी जयंती के दिन उनकी पूजा करने लगे, गौतम बुद्ध का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन को लोगों ने बुद्ध पूर्णिमा का नाम दिया।
बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाती है
बुद्ध पूर्णिमा यह त्यौहार वैशाख की पूर्णिमा यानी हिंदी महीने के दूसरे महीने मैं मनाया जाता है, इसलिए इसे वैसक भी कहते हैं, विशेष कर यह त्योहार बुद्ध धर्म मैं प्रचलित है, इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, और इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्त हुई थी, और वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने थे।
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बुद्ध पूर्णिमा 2024 में कब है | Buddh Purnima Kab Hai
जैसा कि हमने बताया कि वैशाख महीने मैं पढ़ने वाली पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है, इस पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसदिन को बुद्ध पूर्णिमा नाम दिया गया है, इस वर्ष वैशाख महीने की पूर्णिमा 23 मई को है, और बुद्ध पूर्णिमा भी 23 मैं दिन गुरुवार को है।
बुद्ध पूर्णिमा मुहूर्त | Buddh Purnima Kab Hai
बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 23 मई को रात 11:44 मिनट से 5 मई को शाम 11:03 तक के बीच मैं है।
बुद्ध पूर्णिमा कैसे मनाते हैं
बुद्ध पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह सूर्योदय होने से पहले उठकर पूजा स्थल पर भगवान बुद्ध से प्रार्थना की जाती है, और उनके सामने सांस्कृतिक नृत्य किया जाता है, यह पर्व दुनियां भर मैं मनाया जाता है, इसलिए कुछ जगहों पर लोग परेड और शारीरिक कसरत करते हुए इस दिन का पर्व मनाते हैं, इस दिन धार्मिक जगहों पर बुद्ध झंडा भी फहराया जाता है, हमारे भारत देश मैं लोग इस दिन उपवास रखते है।
बुद्ध पूर्णिमा व्रत विधि
- उपवास शुरू करने से पहले व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद पवित्र नदी या फिर किसी पवित्र कुंड में जगह करें, लेकिन उससे भी पहले वरुण देव को नमस्कार करें।
- उसके बाद सूरज देवता को जल चढ़ाते हुए मंत्रों के साथ उनकी नमन करें।
- इसके बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए, और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए, इस दिन लोग भगवान विष्णु की भी पूजा कर सकते हैं।
- दीपक जलाए हैं, हल्दी, रोली, कुमकुम, और फूल अर्पित करते हैं।
- उसके अलावा बोधिवृक्ष के भी पूजा करते हैं, उसकी जड़ों पर दूध चढ़ते हैं।
- फिर दान दक्षिणा करते हुए सूर्यास्त के वक्त चंद्रमा को जल चढ़ाते हुए अपने उपवास की समाप्त करते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है |
शास्त्रों के मुताबिक कहा जाता है, के भगवान बुद्ध जिन्होंने बौद्धित्व की प्राप्ति की थी, वो भगवान विष्णज के 9वें अवतार थे, इसलिए भगवान बुद्ध को बौद्ध धर्म के अलावा हिंदू धर्म के लोग भी मानते हैं, और उनकी पूजा करते हैं, इसलिए वो इसे एक पर्व के रूप मैं मनाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा कहां कहां मनाया जाता है
गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी मैं हुआ था, इसलिए नेपाल में यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है, इसके अलावा और देशों मैं भी यह पर्व मनाते हैं, वो देश हैं –
क्रमांक | देश का नाम |
1 | लाओस |
2 | म्यांमार |
3 | थाइलैंड |
4 | चीन |
5 | भारत |
6 | नेपाल |
7 | सिंगापुर |
8 | श्रीलंका |
9 | इंडोनेशिया |
10 | वियतनाम |
मलेशिया |
बुद्ध पूर्णिमा अनमोल वचन | Buddha Purnima Quotes In Hindi
विचार जो कि उत्पन्न होता है, वह जब ज्यादा जरूरी है,
- जब उसे विचार भाव से काम मैं बदला जाए, अर्थात कथनी जो करनी मैं बदला जाए तब कथन का महत्व होता है।
- तीन चीजें बहुत दिनो तक नहीं छिपती सूर्य, चंद्रमा और सत्य।
- हम जो सोचते हैं वही फल होता है दिमाग सब कुछ है और हम जो सोचते हैं वही बनते हैं।
- शांति अंत: करण से आती है उस बिना मन से खोजो।
- समझने के लिए माफ करना आवश्यक है।
- तुम खुद को अपने गुस्से के लिए सजा नहीं दोगे अपितु तुम्हारा गुस्सा तुम्हें सजा देगा।
- वह इंसान जो आक्रोशित विचारों से दूर रहता है, वह शांति पा लेता है।
- तुम कितने भी पवित्र शब्द पढ़े कितने ही बोले वह अब तक कामगार साबित नहीं होंगे जब तक तुम उन्हें खुद मैं शामिल न करें।
- हम अपने विचारों से अपने आपको आकार देते हैं, हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं जब दिमाग शुद्ध होता है, तब खुशियां परछाई की तरह साथ रहती हैं, वो कभी नहीं छोड़ती।
- तुम राह जब तक पर नहीं कर सकते जब तक तुम खुद राह नहीं बनाते।
FAQ Buddh Purnima Kab Hai
Q. बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाती है?
Ans. बुद्ध पूर्णिमा वैशाख की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है।
Q. बुद्ध पूर्णिमा 2024 मैं कब पद रही है?
Ans. बुद्ध पूर्णिमा 2024 मैं 23 मई के पड रही है।
Q. बुद्ध पूर्णिमा के दिन क्या हुआ था?
Ans. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।
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