16 Somvar Vrat Vidhi
16 Somvar Vrat Vidhi: सोलह सोमवार व्रत विशेष कामना के लिए किया जाता है, इस उपवास की सबसे मुश्किल व्रतों में से एक माना जाता है, तो जानिए कब से शुरू करें सोलह सोमवार का उपवास, इसके साथ ही जानिए पूजन की विधि और उद्घापन विधि।
16 Somvar Vrat Vidhi: शास्त्रों के मुताबिक सोलह सोमवार का व्रत मुख्य रूप से किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए रखा जाता है, इसके साथ ही सोलह सोमवार का उपवास रखने से पति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है, और संतान की सुख प्राप्ति होती है, पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, सोलह सोमवार का उपवास खुद पार्वती ने की थी।
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भगवान शिव की प्राप्त करने के किए देवी पार्वती ने (16 Somvar Vrat Vidhi) 16 सोमवार व्रत रखकर कठिन तपस्या की थी, सोलह सोमवार का उपवास रखने से लोगों को सुख सम्पदा धन संपदा की प्राप्ति होती है, इस उपवास को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं, यदि आप श्रावण मास से सोलह सोमवार प्रारंभ नहीं कर पाए हैं, तो मार्गशीर्ष मास से प्रारंभ कर सकते हैं, तो चलिए जानते है, पूरी विधि, महत्व और उद्यापन विधि।
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कब से शुरू हो रहा है मार्गशीर्ष मास 2024
इस वर्ष मार्गशीर्ष मास 16 नवंबर से शुरू हो रहा है, इसके साथ ही 15 दिसंबर 2024 को पहला सोमवार पद रहा है, इस दिन से आप 16 सोमवार का उपवास शुरू कर सकते हैं।
सोलह सोमवार की पूजा विधि
सोमवार के दिन स्नान कर के साफ सुथरे कपड़े पहने, इसके बाद हाथ मैं एक फूल अक्षत लेकर भगवान शिव की समर्पित करें, अब साफ मिट्टी से शिवलिंग बनाएं, इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग अंगूठे के और के बराबर हो इससे बड़ा शिवलिंग घर में पूजा नहीं करनी चाहिए, इसके बाद इसके जल अर्पित करें, इसके बाद उपवास संकल्प लें, इसके बाद हाथ मैं थोड़ा सा गंगाजल या फिर साधारण जल, अक्षत, पैन का पत्ता, सुपारी, एक सिक्का और बेलपत्र लेकर संकल्प लें, इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।
ऊं शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्।
उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्॥
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अब फूल आदि भगवान शिव की चढ़ाएं, इसके बाद सफेद कपड़े चढ़ाएं, इसके साथ ही सफेद चंदन और अक्षत लगा दें, इसके बाद सफेद फूल, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं, इसके बाद अष्टगंध, धूप अर्पित कर दें, इसके साथ ही भोग मैं मिठाई, फल के साथ नैवेद्य चढ़ा दें, इसके बाद जल चढ़ाएं, इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर उपवास कथा पढ़ें, इसके बाद विधिवत तरीके से मंत्र, चालीसा के बाद आरती करें।
सोलह सोमवार का पूजन (16 Somvar Vrat Vidhi) प्रदोष यानी दिन के तीसरे पहर करीब 4 बजे के आस पास करना चाहिए, पूजा के बाद सूर्यास्त होने से पहले पूजन पर हो जाना चाहिए।
सोलह सोमवार उद्यापन विधि | 16 Somvar Vrat Vidhi
16 सोमवार व्रत रखने के बाद 17वें सोमवार के उद्यापन करना चाहिए, सोमवार उपवास के उद्यापन मैं देवी पार्वती, शिव जी और चंद्र देव की विधिवत पूजा के साथ हवन करना चाहिए, इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहा लें, इसके बाद चार द्वारों का मंडप तैयार करें, वेदी बनाकर देवताओं का आह्वाहन करें, इसके साथ ही कलश स्थाओंस कर लें, इसके बाद शिव जी और पार्वती जी को फूल, माला, गंध, धूप, नैवेद्य, फल, दक्षिणा, ताम्बुल,फूल, अर्पण आदि कर दें, इसके बाद आप शिव जी को पांच तत्वों से स्नान कराएं, इसके बाद हवन शुरू करें, विधिवत तरीके से हवन करने के बाद ब्राह्मणों, कन्या की भोजन कराने के साथ दक्षिणा दे दें, इसके बाद भोजन ग्रहण करें।
FAQ 16 Somvar Vrat Vidhi
Q. सोलह सोमवार की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
Ans. 4 बजे के आस पास
Q. 16 सोमवार के व्रत मैं क्या खाया जाता है?
Ans. सेब, केला, अनार, संतरा
Q. सोलह सोमवार का व्रत कौन से महीने से शुरू करना चाहिए?
Ans. नवम्बर से दिसंबर के मार्गशीर्ष महीने मैं।
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