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Bhimrao Ambedkar Jayanti | डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती कब है और जीवन परिचय यहाँ से पढ़ें| Latest 2024

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Bhimrao Ambedkar Jayanti

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट मैं Bhimrao Ambedkar Jayanti के बारे में आपको यहां जानने के लिए मिल जाएगा, और साथ ही मैं Dr Bhim Rao Ambedkar Quotes, Biography In Hindi, Jeevan Parichay, Jayanti, Speech, History, University, Quotes, Caste, Religion आदि के बारे आप यहां से जान सकते हैं।

Table of Contents

Bhimrao Ambedkar Jayanti डॉ भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब के नाम से भी जाना जाता है, अंबेडकर जी उनमें से एक हैं, जिन्होंने भारत के संविधान को बनाने में अपना योगदान दिया था, अंबेडकर जी एक जाने माने राजनेता व प्रख्यात विधिवेत्ता थे, इन्होंने देश मैं से छुआ छूत, जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आंदोलन किए, इन्होंने अपना पूर्ण जीवन गरीबों को दे दिया,

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दलित और पिछड़े जाती के हक के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की, आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के कैबिनेट मैं पहली बार अंबेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था, अपने अच्छे काम और देश के लिए बहुत कुछ करने के लिए अंबेडकर जी के 1990 में डेस्ब के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया, और यहाँ से आप जान पाएंगे Bhimrao Ambedkar Jayanti के बारे मैं।

डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय | Dr B.R. Ambedkar Biography In Hindi

नामडॉ भीम राव अंबेडकर
अन्य नामबाबा साहेब, भीम
पेशावकील, अर्थशास्त्री, सामाजिक प्रवक्ता, राजनीतिज्ञ
प्रसिद्धभारतीय संविधान के निर्माता के रूप मैं राज नीति स्वतंत्र लेबर पार्टी
जन्म14 अप्रैल 1891
जन्म स्थान महू, इंदौर मध्यप्रदेश
ग्रहण गरमहू, इंदौर मध्यप्रदेश
मृत्यु6 दिसंबर, 1956
मृत्यु स्थान दिल्ली भारत
मृत्यु की वजहमधुमेह से ग्रस्त होने के बाद सोते ही रह गए और उनकी मृत्यु हो गई
उम्र65 वर्ष
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्म हिंदू
जातिदलित, महार
सम्मानभारत रत्न
वैवाहिक स्थितिविवाहित
माता पिताभीमबाई मुर्बदर, रामजी मालोजी सकपाल
विवाह रमाबाई 1906 सविता अंबेडकर 1948
बच्चेभैया साहेब आंबेडकर

डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म, परिवार, पत्नी, विवाह | BR Ambedkar Birth, Family, Wife

Bhimrao Ambedkar Jayanti अंबेडकर जी अपने माता पिता की 14वीं संतान थे, उनके पिता इंडियन आर्मी मैं सूबेदार थे, और उनकी पोस्टिंग इंदौर के पास महू में थी, यही अंबेडकर जी का जन्म हुआ, 1894 में रिटायरमेंट के बाद उनका पूरा परिवार महाराष्ट्र के सतारा मैं शिफ्ट हो गया, कुछ समय केस बाद उनकी माता चल बसी, जिसके पश्चात उनके पिता ने दूसरी शादी कर लो, और बॉम्बे शिफ्ट हो गए, 1906 मैं 15 वर्ष की आयु में उनका विवाह 9 साल की रमाबाई से हो गया।

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डॉ भीमराव अम्बेडकर जाति भेदभाव एवं आरंभिक जीवन | BR Ambedkar Caste Issue And Early Life

Bhimrao Ambedkar Jayanti छुआ छूत के बारे मैं अंबेडकर जी ने बचपन से देखा था, वो हिंदू मेहर कास्ट के थे, जिन्हें नीचा समझा जाता था, और ऊंची कास्ट के लोग इन्हें छूना भी पाप समझते थे, इसी कारण से अंबेडकर जी ने समाज मैं काफी जगह भेदभाव को शिकार होना पड़ा, इस भेदभाव और निरादर का शिकार अंबेडकर जी को आर्मी स्कूल मैं भी होना पड़ा जहां पर वो पढ़ा करते थे, उनकी कास्ट के बच्चों को क्लास के अंदर तक बैठने नहीं दिया जाता था।

शिक्षक तक उन पर ध्यान नहीं देते थे, जहां उनकी पानी तक छूने नहीं दिया जाता था, स्कूल का चपरासी उनको ऊपर से पानी डालकर देता था, जिस दिन चपरासी नहीं आता था, उस दिन उन लोगों को पानी तक नहीं मिलता था।

डॉ भीमराव अंबेडकर की शिक्षा | BR Ambedkar Education

उनके परिवार के बॉम्बे शिफ्ट होने के बाद अंबेडकर जी की पढ़ाई यहीं बॉम्बे मैं हुई, आपको बता दें कि इनकी शादी 15 साल की आयु में हो गई थी, और उसके बाद 1908 मैं उन्होंने 12वीं क्लास की परीक्षा पास की, स्कूल की पढ़ाई पूर्ण करने के बाद अंबेडकर जी को आगे की पढ़ाई के लिए बॉम्बे के एलफिंस्टोन कॉलेज जाने का अवसर मिला, पढ़ाई मैं वो बहुत ही अच्छे और तेज दिमाग के थे, उन्होंने सारी परीक्षा अच्छे से पास की थी।

Bhimrao Ambedkar Jayanti इसलिए उन्हें बरोदा के गायकवाड के राजा सहयाजी से 25 रुपए की स्कॉलरशिप हर माह मिलने लगी, उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में 1912 में ग्रेजुएशन पूर्ण की, उन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसे को आगे की पढ़ाई मैं लगाने की सोची और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए।

डॉ भीमराव अम्बेडकर का करियर | BR Ambedkar Career

Bhimrao Ambedkar Jayanti अमेरिका से लौटने के पश्चात बरोदा के राजा ने उन्हें अपने राज्य में रक्षा मंत्री बना दिया, लेकिन यहां भी छुआ छूत के बीमारी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, इतने बड़े पद पर होते हुए भी उन्हें काफी बार निरादर का सामना करना पड़ा, बॉम्बे गवर्नर की सहायता से से बॉम्बे के सिंड्रोम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स मैं राजनैतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बन गए, अंबेडकर जी आगे और पढ़ना चाहते थे, इसलिए वो एक बार फिर से भारत से बाहर इंग्लैंड चले गए।

Bhimrao Ambedkar Jayanti इस बार उन्होंने अपने खर्चों का भार खुद उठाया, यहां लंदन यूनिवर्सिटी ने उन्हें डीएससी के अवार्ड से सम्मानित किया, अंबेडकर जी ने कुछ वक्त जर्मनी की बिन यूनिवर्सिटी में गुजारा, यहां उन्होंने इकोनॉमिक्स मैं ज्यादा अध्ययन किया, 8 जून 1927 को कोलंबिया यूनिवर्सिटी में उन्हें Doctrate की बड़ी उपाधि से सम्मानित किया गया।

डॉ भीमराव अम्बेडकर का खराब स्वास्थ्य | BR Ambedkar Health Issue

Bhimrao Ambedkar Jayanti अंबेडकर जी की पत्नी रमाबाई की लंबी बीमारी के चलते 1935 में मृत्यु हो गई थी, 1940 में भरतीग संविधान का ड्राफ्ट पूर्ण करने के बाद उन्हें बहुत सी बीमारियों ने घेर लिया, उन्हें रात को नींद नहीं आती थी, पैरों मैं दर्द और डायबटीज भी बढ़ गई थी, जिस कारण एसडी उन्हें इन्सुलिन लेना पड़ता था, इलाज के लिए वो बॉम्बे गये जहां पर उनकी मुलाकात एक ब्राह्मण डॉक्टर शारदा कबीर से हुई, डॉ के रूप मैं उन्हें एक नया जीवन साथी मिल गया उन्होंने दूसरी शादी 15 अप्रैल 1948 को दिल्ली मैं की।

डॉ भीमराव अम्बेडकर का दलित मूवमेंट | BR Ambedkar Dalit Movement

Bhimrao Ambedkar Jayanti भारत लौटने के बाद अंबेडकर जी ने छुआ छूत और जाति बाद, जो किस बीमारी से कम नहीं था ये देश को काफी हिस्सों मैं तोड़ रही थी, और जिस देश से निकालना बहुत जरूरी हो गया था, इसके खिलाफ अंबेडकर जी ने मार्च छेद दिया, अंबेडकर जी ने कहा नीची जाति और जनजाति एवं दलित के लिए देश मैं अलग से एक चुनाव प्रणाली होनी चाहिए, उन्हें भी पूरा हक मिलना चाहिए की वो देश मैं चुनाव मैं हिस्सा ले सकें, अंबेडकर जी ने इनके आरक्षण की भी बात सामने रखी।

अंबेडकर जी देश के काफी हिस्सों मैं गए, वहां लोगों को समझाया कि जो पुरानी प्रथा प्रचलित हैं वो सामाजिक बुराई हैं, उसे जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए, उन्होंने एक अखबार मुकनायका (लीडर ऑफ साइलेंट) की शुरुआत की, एक बार एक रैली मैं उनके भाषण की सुनने के बाद कोल्हापुर के शासक शाहुकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, इस बात का पूरे देश मैं बहुत हल्का रहा, इस बात ने देश की राजनीति के एक नई दिशा दे दी थी।

डॉ भीमराव अम्बेडकर का राजनैतिक सफर | BR Ambedkar Political Life

1936 में अंबेडकर जी ने स्वतंत्र मजदूर पार्टी का गठन किया, 1937 के केंद्रीय विधानसभा चुनाव मैं उनकी पार्ट्टी को 15 सीट की जीत मिली, अंबेडकर जी अपनी इस पार्टी को ऑल इंडिया सेडयुल कास्ट पार्टी मैं बदल दिया इस पार्टी के साथ वो 1946 में संविधान सभा के चुनाव मैं खड़े हुए, लेकिन उनकी इस पार्टी का चुनाव मैं बहुत ही खराब रिजल्ट रहा, कांग्रेस और महात्मा गांधी ने अछूते लोगों के हरिजन नाम दिया।

जिससे सब लोग उन्हें हरिजन ही बोलने लगे, लेकिन अंबेडकर जी को ये कटाई पसंद नहीं आया और उन्होंने उस बात का विरोध किया, उनका कहना था अछूते लोग भी हमारे समाज का एक हिस्सा हैं, वो भी बाकी लोगों की तरह नॉर्मल व्यक्ति हैं।Bhimrao Ambedkar Jayanti अंबेडकर जी की रक्षा सलाहकार कमिटी में रखा गया आज वायसराय एक्जिक्यूटिव कौसिल मैं उन्हें लेबर का मंत्री बनाया गया, वो आजाद भारत के पहले लॉ मंत्री बने, दलित होने के बावजूद उनका मंत्री बनना उनके लिए बहुत बड़ी उपाधि थी।

डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा संविधान का गठन | BR Ambedkar Father Of Indian Constitution

Bhimrao Ambedkar Jayanti भीमराव अंबेडकर जी को संविधान गठन कमिटी का चेयरमैन बनाया गया, उनकी स्कॉलर और प्रख्यात विदिबेत्ता भी कहा गया अंबेडकर जी ने देश की अलग अलग जातियों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए एक पुलिया का काम किया, वो सबके सामान अधिकार के बात पर जोर देते थे, अंबेडकर जी के मुताबिक अगर देश की भीम जाति एक दूसरे से अपनी लड़ाई समाप्त नहीं करेंगी, तो देश एकजुट कभी नहीं हो सकता।

डॉ भीमराव अम्बेडकर का बाैध्य धर्म मैं रूपांतरण | BR Ambedkar In Buddhism

1950 मैं अंबेडकर जी एक बौद्धिक सम्मेलन को अटेंड करने श्री लंका गए, वहां जाकर उनका जीवन बदल गया वो बौद्ध धर्म से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए, और उन्होंने धर्म रूपांतरण की ठान ली श्रीलंका से भारत लौटने के बाद उन्होंने बौद्ध और उनके धर्म के बारे मैं किताब लिखी और अपने आपको इस धर्म मैं बदल लिया, अपने भाषण मैं अंबेडकर जी हिंदू रीति और जाती विभाजन की घोर निन्दा करते थे, 1955 में उन्होंने भारतीय बौद्ध महासभा का गठन किया, उनकी किताब द बुद्धा और उनका धर्म का विभाजन उनके मरणोपरांत हुआ।

Bhimrao Ambedkar Jayanti 14 अक्टूबर 1956 की अंबेडकर जी ने एक आप सभा का आयोजन किया, जहां उन्होंने अपने 5 लाख सपोर्टर का बोध धर्म मैं रूपांतरण कराया, अंबेडकर जी काठमांडू में आयोजित चौथी वर्ल्ड बुद्धिस्ट कांफ्रेंस को अटेंड करने वहां गए, 2 दिसंबर 1956 में उन्होंने अपनी किताब द बुद्धा और कालर्स मार्क्स का हस्तलिपिक पूर्ण किया।

डॉ भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु और वजह | Bhimrao Ambedkar Death And Reason

Bhimrao Ambedkar Jayanti 1954-55 के वक्त अंबेडकर जी अपनी सेहत से बहुत ही परेशान थे, उन्हें डायबिटीज, आंखों में धुंधलापन और काफी तरह की बहुत सी बीमारियों ने उन्हें घेर लिया था, 6 दिसंबर 1956 को अपने घर दिल्ली मैं उन्होंने आखिरी सांस ली, उन्होंने अपने जीवन मैं बौद्ध धर्म को मान लिया था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म की रीति के मुताबिक ही हुआ।

डॉ भीमराव अम्बेडकर जयंती 2024 में कब है | Dr Bhim Rao Ambedkar Jayanti 2024 Date

Bhimrao Ambedkar Jayanti के अविश्वसनीय कार्यों के कारण उनके जन्म दिन 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के नाम से मनाया जाने लगा, इस दिन को नेशनल हॉलीडे घोषित किया, इस दिन सभी सरकारी और प्राइवेट संस्था स्कूल की छुट्टी होती है, अंबेडकर जी ने ही दलित और नीची जाति के लिए आरक्षण की शुरुआत कराई थी, उनके इस काम के लिए आज भी देश उनका ऋणी है, उनकी प्रतिमाएं देश के काफी शरण मैं सम्मान के रूप मैं बनाई गई, अंबेडकर जी को पूरा देश शत शत नमन करता है।

FAQ Bhimrao Ambedkar Jayanti

Q. डॉ भीमराव का जन्म कब हुआ?

Ans. 14 अप्रैल 1891 में

Q. डॉ भीमराव कहां के रहने वाले थे?

Ans. महू, इंदौर, मध्यप्रदेश, भारत

Q. डॉ भीमराव अम्बेडकर की मृत्यु कैसे हुई?

Ans. मधुमेह की अधिकता के चलते।

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तो मेरे प्यारे दोस्तो आज आपको इसमें से कुछ तो Bhimrao Ambedkar Jayanti तो जरूर पसंद आई होंगी, जिन्हें आप इस आने वाली नयी साल के समय अपने घर पर बनाकर एक अमेजिंग लूक दे सकते हैं, और अपने घर पर ये रंगोली जरूर बनाएँ और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें।

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आपका बहुत-बहुत जो अपने इस पोस्ट Bhimrao Ambedkar Jayanti को अंत पढ़ा और साथ ही अपने यार दोस्तो के साथ Share भी किया।

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