fbpx

Dr Rajendra Prasad | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जीवन परिचय

Spread the love

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | Dr Rajendra Prasad Hindi

Dr Rajendra Prasad : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के जीवन के सम्बंधित संपूर्ण जानकारी हम यहाँ लिख रहे है. आगे इसे हम समय समय पर अपडेट भी करते रहेंगे.

जन्म स्थान :- जीरादेई (बिहार)
जन्म एवं मृत्यु :- 1884 ई० से 1963 ई० (dr rajendra prasad date of birth and death)
पिता :- श्री महादेव सहाय
माता :- श्रीमती कमलेश्वरी देवी
भाषा :- शुद्ध और सरल
शैली :- भाषण एवं साहित्यिक


Dr Rajendra Prasad Books in Hindi – Buy On Amazon


Dr Rajendra Prasad Jeevan Parichay

जीवन-परिचय :- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म सन् 1884 ई० 3 दिसम्बर (dr rajendra prasad birthday) को सिवान, जिला जीरादेई गाँव (बिहार) में हुआ था । इनके पिता का नाम श्री महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था । ये टोटल पांच भाई-बहन थे, और इमने से ये सबसे छोटे थे । इनके पिता महादेव सहाय संस्कृत और फ़ारसी भाषा के विद्धवान थे.

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को अपने बड़े भाई और अपनी माता से काफी लगाव था । ये बचपन से ही अत्यन्त मेधावी छात्र थे । इन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से M. A. और LLB परीक्षाएं उत्तीर्ण की । यह लगभग सभी परीक्षाओं में सर्वोच्च स्थान आते थे । और तो और इनका विवाह मात्र 12 साल की उम्र में राजवंशी देवी से हुआ था ।

यह कुछ समय तक मुजफ्फरपुर कॉलेज में अध्यापक कार्य करने के पश्चात् ये पटना और कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील भी रहे । इनका झुकाव सदैव से ही राष्ट्रसेवा की ओर रहता था । सन् 1997 ई० में गांधीजी के आदर्शो और सिद्धान्तों से प्रभावित होकर ‘चम्पारन के आंदोलन’ में सक्रिय भाग लिया और वकालत छोड़कर पूर्ण रूप से राष्ट्रीय स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े और अनेक बार जेल की यातनाऐं भी इन्हें भोगनी पड़ी ।

यहाँ तक की इन्होंने विदेश जाकर भारत के पक्ष को विश्व सम्मुख रखा । ये तीन बार अखिल भारतीय कांग्रेस के तथा भारत संविधान का निर्माण करने वाली सभा के सभापति भी चुने गए है ।

dr rajendra prasad information | dr rajendra prasad essay

बिहार में प्रलयकारी भूकम्प में इन्होंने रात-दिन एक करके पीड़ितों का अभूतपूर्व सेवा कार्य किया और ‘बिहार-सेंट्रल रिलीफ सोसायटी’ के माध्यम से गॉव-गांव में जाकर जनता की सहायता की ।

इनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर इनको भारत गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया । इस पद को ये 1952 ई० से सन् 1962 ई० तक सुशोभित करते रहे । भारत सरकार ने इनकी महानताओ के सम्मान-स्वरूप देश की सर्वोच्च उपाधि ‘भारतरत्न’ से इनको सन् 1962 ई० में अंलकृत किया । जीवन भर राष्ट्र की
निःस्वार्थ सेवा करते हुए ये 28 फरवरी, सन् 1963 ई० को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का देहांत हो गया ।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की रचनाए इस प्रकार से है :-

चम्पारन में महात्मा गांधी, बापू के क़दमों में, मेरी आत्मकथा, मेरे यूरोप के अनुभव, शिक्षा और संस्कृति, भारतीय शिक्षा, गांधीजी की देन, साहित्य, संस्कृति का अध्ययन, खादी का अर्थशास्त्र आदि इनकी अच्छी-अच्छी और प्रमुख रचनाए है ।

इनकी भाषा शुद्ध, सरल तथा प्रवाहपूर्ण है । ये भावों को स्पष्टतया प्रकट करने के लिए संस्कृत, उर्दू, फ़ारसी, अंग्रेजी आदि के प्रचलित शब्दों का प्रयोग करना उचित मानते है ।

इसी प्रकार मुख्य-मुख्य भाषाएँ भी कई प्रचलित है और बोलियों की तो कोई गिनती ही नही, क्योंकि यहां यह कहावत मशहूर है—-
‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर बदले बानी’

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की शैली उनके व्यक्तित्व के अनुरूप सीधी-साधी और आडम्बरहीन है इनकी शैली के मुख्य रूप है—भाषण एवं साहित्यिक ।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सुलझे हुए राजनेता होने के साथ-साथ उच्चकोटि के विचारक, साहित्य-साधक और कुशल वक्ता थे । हिंदी की आत्मकथा विधा में इनकी पुस्तक ‘मेरी आत्मकथा’ का उल्लेखनीय स्थान है । ये हिंदी के अनन्य सेवक और प्रबल प्रचारक थे । हिंदी साहित्य में भी इनका विशिष्ट स्थान है ।

बायोग्राफी | जीवन  परिचय | Biography in Hindi

Dr Rajendra Prasad | dr rajendra prasad in hindi

आपको Dr Rajendra Prasad कैसी लगी हमें जरूर बताए । भगवन आपको हमेशा खुश रखे रखे यही हमारी कामना है।अगर आपको अपनी कोई पोस्ट अपडेट करनी है तो लिख भेजिये हमें [email protected] पर।

ये भी पढे ⇓⇓⇓⇓⇓⇓

Biography of mahatma gandhi || महात्मा गांधी का जीवन परिचय

Biography of Dr Sarvepalli Radhakrishnan-सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमारी Dr Rajendra Prasad पोस्ट को पूरा पढ़ा और  शेयर किया .

1 thought on “Dr Rajendra Prasad | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जीवन परिचय”

Comments are closed.

error: Content is protected !!