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Mahavir Jayanti Kab Hai | महावीर जयंती कब मनाई जाएगी 2024 मैं यहाँ से जानें हिन्दी मैं Latest 2024

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Mahavir Jayanti Kab Hai

नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट मैं Mahavir Jayanti Kab Hai जानने को मिल जाएगा। (Mahavir Swami Jayanti And History In Hindi) (Jeevan Parichay, Birth Place, 2024 Date, Holiday, Quotes, Religion)

Mahavir Jayanti Kab Hai 2024 भारत वर्ष मैं महावीर जयंती जैन समाज द्वारा भगवान महावीर के जन्म उत्सव के रूप मैं मनाई जाती है, जैन समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व को महावीर जयंती के साथ साथ महावीर जन्म कल्याणक नाम से भी जानते हैं, महावीर जयंती हर साल चैत्र महीने के 13 वें दिन मनाई जाती है, जो हमारे कैलेंडर के अनुसार से मार्च या अप्रैल मैं आती है, इस दिन हर तरह के जैन दिगंबर, श्वेतांबर आदि एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं, भगवान महावीर के जन्म त्योहार के रूप मैं मनाए जाने वाले इस पर्व मैं पूरे भारत मैं सरकारी छुट्टी घोषित की गई है।

Mahavir Jayanti Kab Hai जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान महावीर का जीवन उनके जन्म के ढाई हजार वर्ष भी उनके लाखों अनुयायियों के साथ ही पूरी दुनियां को अहिंसा का पाठ पढ़ा रहा है, पंचशील सिद्धांत के प्रवर्तक और जैन जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी अहिंसा के प्रमुख ध्वजवाहकों में से एक हैं, जैन ग्रंथों के मुताबिक, 23वें तीर्थकर पार्श्वनाथ जी के मोक्ष प्राप्ति के पश्चात 298 साल बाद महावीर स्वामी का जन्म ऐसे युग में हुआ, जहां पशुबली, हिंसा और जाति- पाति के भेदभाव का अंधविश्वास था।

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महावीर का जीवन परिचय | Mahavir Swami Biography In Hindi

नामभगवान महावीर
जन्म599 BCE जन्म स्थान क्षत्रियकुंड, वैशाली जिला, बिहार, भारत
मृत्यु527 BCE
मृत्यु स्थानपावापुरी, मगध, नालंदा जिला, बिहार, भारत
उम्र। 72 वर्ष
पितासिद्धार्थ राजा
मातात्रिशाला
भाईनंदीवर्धना, सुदर्शना
पत्नीयशोदा
जाति
जनिज्म
धर्मजैन

महावीर का जन्म परिवार, पत्नी | Mahavir Swami Birth, Family, Wife

महावीर का जन्म लगभग 600 साल पहले चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन क्षत्रियकुंड नगर मैं हुआ, भगवान महावीर माता का नाम महारानी त्रिशला और पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ थे, भगवान महावीर काफी नामों से जाने गए उनके कुछ प्रमुख नाम वर्धमान, महावीर, सन्मति, श्रमण आदि थे, महावीर स्वामी के भाई नंदीवर्धन और बहन सुदर्शना थी, बचपन से ही महावीर तेजस्वी और साहसी थे, शिक्षा पूर्ण होने के बाद इनके माता पिता ने इनकी शादी राजकुमारी यशोदा के साथ कर दिया, बाद में उन्हें एक पुत्री प्रियदर्शना की प्राप्ति हुई, जिसकी शादी जमली से हुआ।

Mahavir Jayanti Kab Hai भगवान महावीर का जन्म एक साधारण बालक के रूप मैं हुआ था, इन्होंने अपनी कठोर तपस्या से अपने जीवन के अनूठा बनाया, महावीर स्वामी के जीवन के हर चरण मैं एक कथा व्याप्त है, हम यहां उनके जीवन से जुड़े कुछ चरणों तथा उसमें निहित कथाओं के बता रहे हैं।

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महावीर स्वामी के जीवन के विभिन्न चरण तथा उनसे जुड़ी कथा | Mahavir Swami Story

महावीर स्वामी जन्म और नामकरण संस्कार

Mahavir Jayanti Kab Hai महावीर स्वामी के जन्म के वक्त क्षत्रियकुंड गांव मैं दस दिनों तक पर्व मनाया गया, सारे दोस्तों भाई बंधुओं को आमंत्रित किया गया, और उनका खूब सत्कार किया गया, राजा सिद्धार्थ का कहना था, कि जब से महावीर स्वामी का जन्म उनके परिवार मैं हुआ है, तब से उनके धन धान्य कोष भंडार बाल आदि सभी राजकीय साधनों में बहुत वृद्धि हुई, तो उन्होंने सबकी सहमति से सोने पुत्र का नाम वर्धमान रखा।

महावीर स्वामी का विवाह | Mahavir Jayanti Kab Hai

कहा जाता है, कि महावीर स्वामी अंतर्मुखी स्वभाव के थे, शुरवात से ही उन्हें संसार के भोगों में कोई रुचि नहीं थी, लेकिन माता पिता की इच्छा की वजह उन्होंने वसंतपुर के महासमंत समरवीर की पुत्री यशोदा के साथ विवाह किया, और उनके साथ उनकी एक पुत्री हुई, जिसका नाम प्रियदर्शन रखा गया।

महावीर स्वामी का वैराग्य

महावीर स्वामी के माता पिता की मृत्यु के बाद उनके मन मैं। वैराग्य लेने की इच्छा उत्पन्न हुई, लेकिन जब उन्होंने इसके लिए अपने बड़े भाई से इजाजत मांगी, तो उन्होंने अपने भाई से कुछ वक्त रुकने का आग्रह किया, टीएसबी महावीर स्वामी जी ने अपने भाई की आज्ञा का मान रखते हुए 2 साल बाद 30 साल की उम्र मैं वैराग्य लिया, इतनी कम उम्र मैं घर त्याग कर केशलोच के साथ जंगल में रहने लगे, वहां उन्हें 12 साल के कठिन तप के बाद जंबक मैं त्रा त्रजुपालिका नदी के तट पर एक साल्व पेड़ के नीचे सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ।

उसके बाद उन्हें केवलिन नाम से जाना गया, और उनके उपदेश चारों तरफ फैलने लगे, बड़े बड़े राजा महावीर स्वामी के अनुयाई बने उनमें से बिम्बिसार भी एक थे, 30 साल तक महावीर स्वामी ने त्याग, प्रेम और अहिंसा का मैसेज फैलाया और बाद मैं वे जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर बने और विश्व के श्रेष्ठ महात्माओं मैं शुमार हुए।

महावीर और जैन धर्म | Mahavir Swami Jain Dharm

Mahavir Jayanti Kab Hai महावीर को वीर, अतिवीर और सन्मति के नाम से भी जाना जाता है, वे महावीर स्वामी ही थे, जिनकी वजह ही 23 वें तीर्थकर पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों ने एक विशाल धर्म जैन धर्म का रूप धारण किया, भगवान महावीर के जन्म स्थान को लेकर विद्वानों मैं काफी मत प्रचलित है, लेकिन उनके भारत मैं अवतरण को लेकर वो एक मत हैं, वे भगवान महावीर के कार्यकाल को इराक के जराथ्रुस्ट, फिलिस्तीन के जिरेमिया, चीन के कंफ्यूसियस और लाओत्से और यूनान के पायिथागोरस, प्लेटो और सुकरात के समकालीन मानते हैं।

भारत वर्ष की भगवान महावीर ने गहरे तक प्रभावित किया, उनकी शिक्षाओं से तत्कालीन राजवंश खास प्रभावित हुए और ढेरों राजाओं ने जैन धर्म को अपना राजधर्म बनाया, बिंबसर और चंद्रगुप्त मौर्य का नाम इन राजवंशों मैं प्रमुखता से लिया जा सकता है, जो जैन धर्म के अनुयाई बने, भगवान महावीर ने अहिंसा को जैन धर्म का आधार बनाया, उन्होंने तत्कालीन हिंदी समाज में व्याप्त जाती व्यवस्था का विरोध किया और सबको एक समान मानने पर जोर दिया।

उन्होंने जियो और जीने दो के सिद्धांत पर जोर दिया, सबकी समान नजर से देखने वाले भगवान महावीर अहिंसा और अप्रिग्रहण के साक्षात प्रतिमा थे, वो किसी को भी कोई दुख नहीं देना चाहते थे, अब आपको पता लग ही गया होगा कि Mahavir Jayanti Kab Hai तो आप पहले से तैयारी कर सकते हैं।

भगवान महावीर स्वामी जी की शिक्षाएं | Mahavir Jayanti Kab Hai

महावीर स्वामी द्वारा दिए गए पंचशील सिद्धांत ही जैन धर्म का आधार बने हैं, इस सिद्धांत को अपना कर ही एक अनुयाई सच्चा जैन अनुयाई बन सकता है, सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य सुर अपरिग्रह की पंचशील कहा जाता है।

सत्य

महावीर स्वामी ने से की महान बताया है, उनके मुताबिक सत्य इस दुनियां मैं सबसे शक्तिशाली है, और एक अच्छे व्यक्ति को किसी भी हालत में सच का साथ नहीं छोड़ना चाहिए, एक अच्छा इंसान बने के किए आवश्यक है, कि हर परिस्थिति में सच बोला जाए।

अहिंसा

दूसरों के प्रति हिंसा की भावना नहीं रखनी चाहिए, जितना प्रेम हम खुद से करते हैं, उतना ही प्रेम दूसरों से भी करें अहिंसा का पालन करें।

अस्तेय

दूसरों की चिजोज को चुराना और दूसरों की चीजों की इच्छा करना महापाप है, हो मिला है उसमे ही खुश रहें।

ब्रह्मचर्य

महावीर स्वामी जी के मुताबिक जिंदगी मैं ब्रह्मचर्य का पालन करना सबसे मुश्किल है, जो भी व्यक्ति इसको अपने जीवन मैं जगह देता है, वो मोक्ष प्राप्त करता है।

अपरिग्रह

ये दुनियां नसवर है, चीजों के प्रति मोह ही आपके दुखों की वजह है, सच्चे व्यक्ति किसी भी सांसारिक चीज का मोह नहीं करते हैं।

  1. कर्म किसी की भी नहीं छोड़ते, ऐसा समझकर
    कर्म बांधने से भाए रखो।
  2. तीर्थकर स्वयं घर का त्याग कर साधु धर्म,
    स्वीकारते हैं, तो फिर बिना धर्म कारणी किए,
    हमारा कल्याण कैसे होगा।
  3. भगवान ने जब इतनी उग्र तपस्या की तो हमें भी,
    शक्ति के मुताबिक तपस्या करनी चाहिए।
  4. भगवान ने सामने जाकर उपसर्ग सहे तो कम से कम,
    हमें अपने सामने आए उपसर्गों को समता से,
    सहन करना चाहिए।

वर्ष 2024 मैं महावीर जयंती कब है | Mahavir Jayanti 2024 Date

Mahavir Jayanti Kab Hai वर्ष 2024 में महावीर जयंती 21 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी, जहां भी भगवान महावीर के मंदिर है, वहां इस दिन विशेष आयोजन किए जाते हैं, लेकिन महावीर जयंती ज्यादातर पर्वों से अलग बहुत ही शांत माहौल मैं विशेष पूजा अर्चना द्वारा मनाए जाती है, इस दिन भगवान महावीर का विशेष अभिषेक किया जाता है, और जैन बंधुओं द्वारा अपने मंदिरों मैं जाकर विशेष ध्यान और प्रार्थना की जाती है, इस दिन हर जैन मंदिर मैं अपनी शक्ति के अनुसार गरीबों मैं दान दक्षिणा का विशेष महत्व है, भारत मैं गुजरात, राजस्थान, बिहार और कोलकाता मैं उपस्थित प्रसिद्ध मंदिरों मैं यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है।

जैन धर्म के पर्व

पर्व तिथि
वर्षीय प्रारंभ दिवसचैत्र कृष्ण 8
भगवान महावीर का जन्मदिवसचैत्र शुक्ल 13
अक्षय तृतीयावैशाख शुक्ल 10
भगवान महावीर केवलज्ञान दिवसवैशाख शुक्ल 10
भगवान महावीर च्यवन दिवसवैशाख शुक्ल 10
पर्युषण पर्व प्रारंभ दिवसआषाढ़ कृष्ण 12/13
संवत्सरी महापर्वभाद्रपद शुक्ल 4/5
भगवान महावीर निर्वाण दिवसकार्तिक कृष्ण 30
भगवान महावीर दीक्षा दिवसमार्गशीर्ष कृष्ण 10
भगवान पार्श्वनाथ जन्मदिवसपौष कृष्ण 10

FAQ Mahavir Jayanti Kab Hai

Q. भगवान महावीर जयंती 2024 में जब है?

Ans. 21 अप्रैल

Q. भगवान महावीर का जन्म कब हुआ?

Ans. 599 BCE

Q. भगवान महावीर की उम्र कितनी थी?

Ans. 72 साल

Q. भगवान महावीर की पत्नी का नाम क्या था?

Ans. यशोदा

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मैं आशा करता हूँ दोस्तो यहाँ दी हुयी जानकारी Mahavir Jayanti Kab Hai आपको पसंद आई होगी, और आपके सारी दुबिधा इस पोस्ट को पढ़ने के बाद समाप्त हो गयी होंगी, और आपको भी यहाँ से बहुत कुछ जानने को मिला होगा तो दोस्तों व बहनों हम आपके लिए ऐसी जानकारी वाली पोस्ट लाते रहते हैं, सिर्फ आपके लिए तो आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं, साथ ही मैं अपने दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते हैं।

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