Pradosh Vrat 2025 List | प्रदोष व्रत मार्च 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और महत्व Latest Info

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Pradosh Vrat 2025 List

प्रदोष व्रत का परिचय

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत मासिक रूप से दो बार आता है—एक बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को और दूसरी बार शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

मार्च 2025 में प्रदोष व्रत की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च 2025 को पड़ रही है। इस दिन मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। भौम प्रदोष व्रत विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और आरोग्यता की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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त्रयोदशी तिथि का समय

  • आरंभ: 11 मार्च 2025 को सुबह 08:13 बजे
  • समाप्ति: 12 मार्च 2025 को सुबह 09:11 बजे

प्रदोष काल में शिव पूजन का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव पूजन का विशेष महत्व है। यह काल सूर्यास्त के बाद लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। 11 मार्च 2025 को प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 06:27 बजे से रात 08:53 बजे तक रहेगा।

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शुभ योगों का संयोग | Pradosh Vrat 2025 List

इस वर्ष के भौम प्रदोष व्रत के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो व्रत और पूजन की महत्ता को और बढ़ाते हैं:

  • सुकर्मा योग: यह योग शुभ कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पूजा सामग्री

शिव पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • बेलपत्र
  • कच्चा दूध
  • दही
  • शहद
  • आक के फूल
  • भांग, धतूरा
  • गाय का घी
  • दीपक, धूप-दीप
  • दूध से बनी मिठाई
  • रूई-बाती
  • जल से भरा लोटा
  • आरती की थाली
  • प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक

पूजाविधि

  1. प्रातःकालीन क्रियाएं:
    • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  2. शिवलिंग का अभिषेक:
    • शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और घी से अभिषेक करें।
    • बेलपत्र, आक के फूल, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें।
  3. प्रदोष काल में विशेष पूजा:
    • शाम के समय पुनः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
    • शिवालय जाकर या घर में ही शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं।
    • शिव मंत्रों का जाप करें और सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
    • शिव-गौरी की आरती करें और पूजा के दौरान हुई त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
  4. हनुमानजी की पूजा:
    • भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है।
    • हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।

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व्रत पारण का समय

प्रदोष व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। 12 मार्च 2025 को सुबह 06:34 बजे के बाद व्रत पारण किया जा सकता है।

प्रदोष व्रत के लाभ

  • सभी कष्टों से मुक्ति: इस व्रत के पालन से जीवन के समस्त दुखों का नाश होता है।
  • सुख-समृद्धि की प्राप्ति: व्रतधारी के जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।
  • आरोग्यता का वरदान: भौम प्रदोष व्रत विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पारिवारिक सुख: शिव-गौरी की पूजा से परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना

तो आज आप इस आर्टिकल (Pradosh Vrat 2025 List) में अच्छे से जान गए होंगे कि अगर आप पशुपति व्रत करते हैं, तो उसके पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए। ऐसे ही और जानकारी के लिए हमे फॉलो करें।

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