Supreme court of india
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Table of content –
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय
- भारत के मुख्य न्यायाधीश
- न्यायधीश के रूप में नियुक्त की अर्हताये
- न्यायधीशों की पद अवधि
- उच्चतम न्यायालय का क्षेत्राधिकार या शक्तियाँ
- उच्च न्यायालय के कार्य व उपयोग
Supreme court of india | भारत का सर्वोच्च न्यायालय
1. उच्चतम न्यायालय की स्थापना ,गठन,अधिकारिताओ ,शक्तियों का निर्धारण संसद निधि द्वारा ही करती है।
2. उच्चतम न्यायालयों में एक मुख्य न्यायमूर्ति और अन्य न्यायधीश होते है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में एक मुख्य न्यायमूर्ति और 33(33+1) अन्य न्यायाधीश है।(number of judges in supreme court)
3. उच्चतम न्यायालय का प्रत्येक न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा (appointment of supreme court judges) नियुक्त किया जाता है। भारत के मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति की दशा में राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालयों और राज्यो के उच्च न्यायालयों के ऐसे न्यायाधीशो से परामर्श करता है। जिनसे परामर्श करना वह उचित समझता है।
4. भारत के मुख्य न्यायमूर्ति के अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायधीशों की नियुक्ति की दशा में राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालयों और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशो के परामर्श के अतिरिक्त भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से भी परामर्श लेगा।
5. भारत के मुख्य न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशो की नियुक्ति के संबंध में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पहले 4 अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीशो की मंडली से परामर्श प्राप्त करेंगे।
6. यदि भारत के मुख्य न्यायमूर्ति का पद रिक्त हो या वह अनुपस्थित हो या अपने पद के कर्तव्यो का पालन करने में असमर्थ हो तो राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशो में से एक को कार्यकारिणी मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त कर सकता है।
7. भारत के मुख्य न्यायमूर्ति को राष्ट्रपति के पूर्वानुमती से उच्चतम या उच्च न्यायालय के किसी सेवानिव्रत्त न्यायाधीश को अस्थायी अवधि के लिए तदर्थ न्यायमूर्ति के रूप में कार्य करने के लिए अनुरोध करने की शक्ति है।
8. यदि उच्चतम न्यायालय के स्थायी न्यायाधीशो में गणपूर्ति की कमी है तो भारत का मुख्य न्यायमूर्ति राष्ट्रपति की पूर्वानुमती से किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को संबन्धित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के पश्चात न्यायाधीश को अस्थायी अवधि के लिए उच्चतम न्यायालय का तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त कर सकता है।
supreme court in hindi | supreme court of india judges
9. न्यायधीश के रूप में नियुक्त की अर्हताये —
- (1) वह भारत का नागरिक हो।
- (2) किसी एक या एक से अधिक लगातार कम से कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो या किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो। या राष्ट्रपति की द्रष्टि में कानून का उच्च कोटी का ज्ञाता हो।
9. न्यायधीशों की पद अवधि —
- उच्चतम न्यायालय का प्रत्येक न्यायाधीश 65 वर्ष (retirement age of supreme court judge) की आयु ( बीच में ही राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देने या महाभियोग द्वारा हटाये जाने के अतिरिक्त ) अपने पद पर रह सकता है।
- ( सर्वोच्च )उच्चतम न्यायालय के न्याधीश पर महाभियोग उस पर साबित कदाचार और असमर्थता के आधार पर लगाया जा सकता है।
- उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायधीश को उसके पद से राष्ट्रपति के आदेश द्वारा तभी हताया जा सकता है। जब कदाचार या असमर्थता के आधार पर उसे हटाये जाने के लिए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा उस सदन की कुल संख्या के बहुमत द्वारा तथा उस सदन के उपस्थित तथा मत देंने वाले सदस्यो के 2/3 सदस्यो के कम से कम दो तिहाई सदस्यो द्वारा संबन्धित समावेदन को राष्ट्रपति के समक्ष उसी सत्र में रख दिया जाता है। और ऐसे समावेदन पर राष्ट्रपति द्वारा आदेश कर दिया जाता है। उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश पर महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी सदन से प्रारम्भ की जा सकती है।
- उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश पर महाभियोग का प्रस्ताव लोकसभा के कम से कम 100 सदस्यो द्वारा या राज्यसभा के कम से कम 50 सदस्य द्वारा राष्ट्रपति को संबोधित एक हस्ताक्षर सहित संकल्प द्वारा लोकसभा के अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति को दिया जाता है।
10. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो के वेतन और भत्ते संसद विधि द्वारा निर्धारित करती है।
the supreme court | power of supreme court
11. वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति (chief justice of supreme court) को ₹2.8 लाख रुपये प्रतिमाह तथा अन्य न्यायाधीशो को ₹2.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन प्राप्त होता है
12. उच्चतम न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश सेवानिव्रत्त के पश्चात भारत के किसी भी न्यायालय या किसी भी प्राधिकारी के समक्ष वकालत नहीं कर सकता है।
13. उच्चतम न्यायालय का क्षेत्राधिकार या शक्तियाँ : power of supreme court
(1) प्रारंभिक अधिकारिता या मूल अधिकारिता : उच्चतम न्यायालय का प्रथम तथा निम्नलिखित विवादो को सुनने तथा उन पर निर्णय देने का अधिकार है।
- भारत सरकार तथा एक या एक से अधिक राज्यो के विवाद
- एक और भारत सरकार और एक या एक से अधिक राज्यो तथा दूसरी और एक या एक से अधिक राज्यो के बीच विवाद
- दो या अधिक राज्यो के बीच विवाद
(2) अपीली अधिकारिता :- उच्चतम न्यायालय भारत का अंतिम अपीली न्यायालय है। उसे भारत के सभी उच्च न्यायालयों के निर्णयो के विरूद्ध अपील सुनने का अधिकार है। उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता को निम्न वर्गो में विभाजित किया जा सकता है। ( supreme court of appeal)
(a) संवैधानिक मामलो में अपील : – यदि किसी विवाद में ( दीवानी , फ़ौजदारी या अन्य ) उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे की अमुक विवाद में उच्च संविधान की व्याख्या से संबन्धित कानून का कोई महत्वपूर्ण प्रश्न निहित है।
तो उच्च न्यायालय के निर्णय की अपील सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है।
यदि उच्च न्यायालय ऐसा प्रमाण न भी दे तो सर्वोच्च न्यायालय को यह भी अधिकार है। की वह ऐसे मुकद्दमों की अपील की अनुमति प्रदान कर सकता है। यदि उसको यह विश्वास है की उस विवाद में संविधान की व्याख्या से संबंधित कोई प्रश्न निहित है।
मामलो में अपील | रिट निकालने की अधिकारिता
(b) दीवानी मामलो में अपील: – दीवानी की किसी विवाद में उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे की अमुक विवाद में विधि का कोई महत्वपूर्ण प्रश्न निहित है। ऐसे प्रश्न का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ही आवश्यक है। तो ऐसे विवादो की अपील उच्चतम न्यायालयों में की जा सकती है।
(c) फ़ौजदारी मामलो में अपील : – फ़ौजदारी के ऐसे विवादो में उच्च न्यायालयों के निर्णयो के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है जिनमें —
- उच्च न्यायालय में अपील में आए किस विवाद में नीचे के किसी न्यायालय के द्वारा किसी अभियुक्त के अपराध मुक्ति के निर्णय के विरूद्ध अभियुक्त को म्रत्यु दंड दे दिया हो । या
उच्च न्यायालय ने नीचे के किसी न्यायालय में चल रहे किस विवाद को अपने यहाँ लेकर अभियुक्त को म्रत्युदंड दे दिया हो
या उच्च न्यायालय यह प्रमाणित कर दे की अमुक विवाद सर्वोच्च न्यायालय में अपील के योग्य है।
- अपील के लिए विशेष आज्ञा देने का अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय सैनिक न्यायालय को छोडकर किसी भी न्यायालय या न्यायाधिकरण के निर्णय के विरुद्ध अपने यहाँ विशेष इजाजत दे सकता है।
( 3). रिट निकालने की अधिकारिता : – उच्चतम न्यायालय मूल अधिकारो के प्रवर्तन के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश,प्रतिषेद,अधिकार प्रक्षा और उत्प्रेक्ष्ण के आदेश जारी कर सकता है।
नोट:- रिट – न्यायादेश होते है और इन्हे अधिकारी निकलते है।
- बंदी प्रत्यक्षीकरण:- इस आज्ञा पत्र के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा बंदीकरण करने वाले अधिकारी या व्यक्ति को आदेश देता है की वह बंदी बनाए गए व्यक्ति को सशरीर न्यायालय में उपस्थित कराये तथा बंदी बनाने का कारण बताए ताकि यदि बंदीकरण अवैध पाया जाता है। तो न्यायालय तत्काल मुक्त करने का आदेश दे दिया जाता है।
परमादेश | प्रतिषेद | उत्प्रेक्षण | अधिकार प्रक्षा
- परमादेश : – इस रिट के द्वारा उच्चतम न्यायालय किसी पदाधिकारी या सार्वजनिक संस्था को उसके सार्वजनिक उत्तरदायित्व के निर्वहन को ठीक प्रकार से करने का आदेश देता है।
- प्रतिषेद :- इस रिट के द्वारा उच्चतम न्यायालय किस अवर न्यायालय या न्ययाधिकरण को उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर कार्यवाही करने से रोकता है।
- उत्प्रेक्षण:- इस रिट के द्वारा उच्चतम न्यायाल किसी अवर न्यायालय या न्यायाधिकरणों को उसके अवैध आदेश को रद्द करता है जो उन्होने अपनी बिना अधिकारिता के या अधिकारिता का उल्लंघन करके जारी किया जाता है।यह रिट मौलिक अधिकारो की रक्षा के लिए प्रशासनिक इकाइयों के विरुद्ध भी जारी की जा सकती है।
- अधिकार प्रक्षा; – इस रिट के द्वारा उच्च न्यायालय किसी व्यक्ति द्वारा अवैधानिक रूप से प्राप्त किसी लोकपद पर या सार्वजनिक पद पर कार्य करने को रोकता है।
उच्च न्यायालय के कार्य व उपयोग | role of the supreme court
- संघी व्यवस्था का रक्षक
- मूल अधिकारो का रक्षक
- संविधान का रक्षक
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FAQ : Supreme court of india
QUES: who is the chief justice of supreme court of india ? भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कौन है?
ANS: शरद अरविंद बोबड़े (Sharad Arvind Bobde) | 18 November 2019 – अभी तक
QUES: how many judges are there in supreme court of india? भरते के सर्वोच्च न्यायालय में कितने न्यायाधीश होते है?
ANS: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कुल 34(33+1) नुयायधीश होते है।
QUES: who is the first chief justice of supreme court of india ? भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश कौन थे?
ANS: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश एच. जे .kania (H. J. Kania) है।
QUES: present supreme court chief justice of india ?भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अभी के मुख्य न्यायाधीश कौन है?
ANS: शरद अरविंद बोबड़े (Sharad Arvind Bobde) | 18 November 2019 – अभी तक
QUES: supreme court justices are appointed by? सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश किसके द्वारा नियुक्त किए जाते है?
ANS: भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते है।
QUES: first women judge of supreme court? सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश कौन थी?
ANS: भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश फातिमा बीवी (Fatima Beevi) है।
prime minister of india | भारत के प्रधानमंत्री | pm of india
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