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Indian parliament | संसद ,लोकसभा,राज्यसभा,

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indian parliament

indian parliament के अलावा अगर आपको prime minister of india | भारत के प्रधानमंत्री के बारे में और जानकारी चाहिए।  तो हमने एक अलग से पोस्ट डाल रखी है। जिसमें आपको prime minister of india | भारत के प्रधानमंत्री से जुड़ी और भी जानकारी आपको मिल जाएगी। इस पोस्ट को भी आप जाकर एक बार चेक कीजिये। जिससे आपके मन में उठ रहे सारे सवाल के जबाब आपको एक जगह ही मिल जाएंगे। और indian parliament से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी।



Table of content –

  • Indian parliament | भारतीय संसद
  • lok sabha details in hindi (लोकसभा )
  • short note on rajya sabha (राज्यसभा )
  • lok sabha and rajya sabha in hindi
  • small topics covered ( छोटे छोटे टोपिक्स)

Indian parliament | भारतीय संसद

1.भारत की संसद (indian parliament) लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति से मिलकर बनती है। (parliament of india consists of)

2.भारतीय संसद (indian parliament) के तीन अंग होते है। — (1) लोकसभा (2) राज्यसभा (3) राष्ट्रपति

3.संसद भारत की सर्वोच्च विधायिका है।

Loksabha | lower house | lok sabha details in hindi

4.लोकसभा का निर्माण सभी राज्यो के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रो से प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदस्यो द्वारा होता है।

5.लोकसभा में अधिकतम सदस्यो की संख्या 552 हो सकती है। इनमें 530 राज्य क्षेत्रो के सदस्य , संघ राज्य क्षेत्रो के 20 से अनधिक सदस्य और राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत आंग्ल भारतीय समुदाय से 2 से अधिक सदस्य नहीं होते है।

6.लोकसभा के सदस्यो का चुनाव विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रो के वयस्क मतदाताओ द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है

7.लोकसभा सदस्यो के निर्वाचको की योग्यताए–

  • (1) भारत का नागरिक हो।
  • (2) 18 वर्ष से कम का न हो।
  • (3) जिसक नाम अपने  निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में हो।
  • (4) जो पागल या दिवालिया न हो।
  • ( 5) जिसे संसद की कानून द्वारा किसी अपराध , भ्रष्टाचार या गैर कानूनी व्यवहार के कारण मतदान से वंचित न किया गया हो।

8.संघ राज्य के क्षेत्रो के सदस्यो का चुनाव जिस रीति से होता है। जो संसद विधि द्वारा निर्धारित करती है।

9.लोकसभा के सदस्य के निर्वाचन की योग्यताए–

  • (1 भारत का नागरिक हो।
  • (2) 25 वर्ष से कम न  हो।
  • (3) जो भारत सरकार या राज्यसरकार के अधीन कोई लाभ का पद ग्रहण न करता हो।
  • (4) जो पागल या दिवालिया न हो।

10इसके अलावा संसद (indian parliament)  विधि द्वारा अतिरिक्त योग्यताए रख सकती है।

lower house of parliament | lok sabha constituency | current lok sabha

11.सामान्यतः लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष (tenure of lok sabha) है। परंतु इससे पूर्व राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के परामर्श से इसका विघटन कर सकता है।

12.लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित व्यक्ति अपने पद की शपथ राष्ट्रपति या उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के सम्मुख लेता है।

13.लोकसभा सदस्य अपना त्यागपत्र लोकसभा अध्यक्ष को सोंपता है।

14.लोकसभा सदस्यो के वेतन और भत्ते संसद समय समय पर विधि द्वारा निर्धारित करती है।

15.वर्तमान में संसद सदस्य (Member of Parliament of India) का वेतन ₹100,000 रुपये प्रति माह है।

16.लोकसभा अपनी पहली बैठक के पश्चात यथाशीघ्र स्वंय ही अपने सदस्यो में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का निर्वाचन करती है।

17.लोकसभा अध्यक्ष  अपना  त्यागपत्र उपाध्यक्ष को और उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र अध्यक्ष को सोंपता है।

18.लोकसभा अध्यक्ष को उसके पद से 14 दिन की सूचना देकर लोकसभा के तत्कालीन सभी सदस्यो द्वारा पारित संकल्प द्वारा हटाया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष को 125000 रूपये मासिक मिलते है।

Upper house | rajyasabha | short note on rajya sabha

19.राज्यसभा भारतीय संसद का द्वितीय सदन है। ( उच्च सदन ) राज्यसभा के सदस्यो का चुनाव अप्रत्यक्ष निर्वाचन पध्दति से होता है। लोकसभा सदस्य अपनी शपथ पोर्टम अध्यक्ष से लते है जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करता है।

20.राज्यसभा सदस्य के लिए राज्य क्षेत्रो के सदस्यो के निर्वाचन संबन्धित राज्यो की विधानसभाओ के निर्वाचित सदस्यो द्वारा किया जाता है।

21.राज्यसभा के लिए संघ राज्य क्षेत्रो से सदस्यो का निर्वाचन ऐसी रीति से किया जाएगा। जो संसद विधि द्वारा निर्धारित करे।22.राज्यसभा के लिए सदस्यो की संख्या 250 से अनधिक होगी। उनमें 238 से अनधिक सदस्य राज्यक्षेत्रों से तय संघ राज्य क्षेत्रो से होंगे तथा शेष 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाएंगे।22.राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए ऐसे लोगो को मनोनीत करेगा। जिन्हे कला, साहित्य, समाजसेवा, विज्ञान और सहकारिता के विषय में ज्ञान प्राप्त हो।

22.राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए किसी भी व्यक्ति को 30 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए।

23.अन्य योग्यता लोकसभा के लिए है। (Rajya sabha qualification)

24.राज्यसभा एक स्थायी सदन है। जो कभी भंग नहीं होता है। इसके सदस्यो का कार्यकाल 6 वर्ष (duration of rajya sabha) है।

25.राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य प्रति 2 वर्ष बाद सेवा निव्रत्त होते रहते है।

26.राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित व्यक्ति अपने पद की शपथ राष्ट्रपति या उसके सम्मुख किसी व्यक्ति से लेता है।

27.राज्यसभा का सदस्य अपना इस्तीफा  राज्यसभा का सभापति ( उपराष्ट्रपति ) को सोपता है।

28.राज्यसभा के वेतन व भत्ते संसद समय- समय पर निर्धारित करती है। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य का वेतन 16,000 प्रति माह मिलता है।

29.भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।

indian parliament | rajya sabha in hindi | about rajya sabha

30.राज्यसभा स्वंय ही अपने सदस्यो में से किसी एक को उपसभापति के रूप में निर्वाचित करती है। उपसभापति 6 वर्ष के लिए चुना जाता है।

31.सभापति की अनुपस्थिति में उपसभापति, सभापति का कार्यभार ग्रहण करता है।

32.यदि कोई व्यक्ति संसद के दोनों सदनो में चुन लिया जाता है। तो उसे 10 दिनो के भीतर यह बताना होता है की उसे किस सदन में रहना है। सूचना न देंने पर राज्यसभा में उसका स्थान रिक्त हो जाएगा।

33.यदि किसी सदन का सदस्य दूसरे सदन का भी सदस्य चुन लिया जाता है तो पहले वाले सदन में उसका स्थान रिक्त हो जाता है।

34.अगर कोई एक ही सदन की दो सीटो पर चुन लिया जात है तो उसे स्वेच्क्षा से किसी एक सीट को खाली करने का अधिकार है। दोनों मे से किसी एक सीट को खाली न करने की स्थिति मे दोनों सीटे खाली हो जाएगी।

35.अगर कोई व्यक्ति एक ही समय संसद के किसी सदन और राज्य विधान मंडल के किसी सदन से निर्वाचित हो जाता है। तो 14 दिनो के भीतर उसे राज्य विधानमंडल की सीट को खाली करना होता है। अन्यथा संसद में उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है।

36.समान्यतः प्रधानमंत्री लोकसभा का नेता होता है। ( लोसभा का सत्र न होने की स्थिति में प्रधानमंत्री किसी वरिष्ठतम मंत्री को …..

37.यदि संसद (indian parliament)के किसी सदन का सदस्य , सदन की अनुमति के बिना 60 दिन की अवधि से अधिक समय के लिए सदन के सभी अधिवेशनो से अनुपस्थित रहता है तो सदन उसका स्थान रिक्त घोषित कर सकता है।

38.राज्यसभा का भी एक नेता होता है। प्रध्नंन्त्री किसी वरिष्ठ मंत्री को जो राज्यसभा का सदस्य है। राज्यसभा के नेता के रूप में नियुक्ति करता है।

loksabha and rajyasabha | lok sabha and rajya sabha in hindi

39.सत्ताधारी दल के अलावा लोकसभा में सबसे बड़े दल का नेता लोकसभा में विपक्ष का नेता होता है। सबसे बड़े दल के नेता को विपक्ष के नेता के रूप में तभी मान्यता मिलती है जब उस दल की सदस्य संख्या कुल सदस्य संख्या की कम से कम 1/10 हो । इसी तरह राज्यसभा में भी विपक्ष का नेता होता है।

40.समान्यतः संसद में प्रति वर्ष तीन सत्र होते हे–

  • (1) बजट सत्र – फरवरी से मई
  • (2) मानसून सत्र – जुलाई से सितंबर
  • (3) शीतकालीन सत्र – नवंबर से दिसंबर

41.राष्ट्रपति समय समय(indian parliament) पर संसद के दोनों सदनो में सत्रो को बुलाता है।

42.परंतु संसद के किसी भी सदन मे दो सत्रो के बीच 6 माह से अधिक समय का अंतराल नहीं होना चाहिए।

43.अर्थात संसद के किसी भी सदन को वर्ष में कम से कम दो बार मिलना चाहिए।

44.संसद के किसी भी सदन की बैठक के लिए कम से कम उस सदन की कुल सदस्य संख्या के 1/10 सदस्य उपस्थित होने चाहिए। तभी संबन्धित सदन की बैठक हो सकती है।

45.किसी भी सदन की बैठक के लिए आवश्यक उपस्थित सदस्यो की न्यूनतम संख्या को गणपूर्ति  ( कोरम ) कहते है।

46.समान्यतः संसद द्वारा सप्ताह में 5 दिन सोम – शुक्र कार्य किया जाता है।

47.समान्यतः सप्ताह के प्रथम चार दिन सरकारी काम काज अर्थात शासन द्वारा प्रस्थावित विधेयकों आदि पर विचार होता है।

48.शुक्रवार को या किसी ऐसे दिन जो अध्यक्ष निर्धारित करे ढाई घंटे तक गैर सरकारी सदस्यो द्वारा प्रस्थावित विधेयकों और प्रस्तावो पर चर्चा की जाती है।

49.समान्यतः संसद की बैठक 11- 3 बजे तक और 2-6 तक होती है।

50.लोकसभा में 11 बजे से 12 बजे तक का समय और राज्यसभा में 2 बजे से 3 बजे तक का समय प्रश्नकाल का होता है।

loksabha and rajyasabha | lok sabha and rajya sabha difference

51.राज्यसभा में शुक्रवार के दिन ढाई बजे से साढ़े तीन बजे तक का समय प्रश्न काल का होता है।

52.संसद(indian parliament) के दोनों सदनो में प्रश्न समान्यतः मंत्रियो से अर्थात सरकारी सदस्यो से पुछे जाते है। कभी- कभी गैर सरकारी सदस्यो से भी प्रश्न पुछे जाते है।

53.प्रश्न तीन प्रकार के होते है। –

  • (1) तारांकित प्रश्न ( मौखिक प्रश्न )
  • (2) अतारांकित प्रश्न ( लिखित प्रश्न )
  • (3) अल्पसूचना प्रश्न
  •   तारांकित प्रश्न ( मौखिक प्रश्न ) –      ऐसे  प्रश्न जिनका उत्तर सदन  में मौखिक दिया जाता है। तारांकित प्रश्न कहलाते है। सदस्यो द्वारा तारांकित प्रश्नोके अनुपूर्णक प्रश्न भी पुछे जा सकते  तारांकित प्रश्न के दिये गए उत्तर की    बात को लेकर  पूछा जाता है। उसे अनुपूर्णक या पूर्णक प्रश्न कहते है।
  •  अतारांकित प्रश्न : – ऐसे प्रश्न जिनका उत्तर सदन में लिखित रूप से दिया जाता है। अतारांकित प्रश्न कहलाते है।
  •  अल्पसूचना प्रश्न : – ऐसे प्रश्न जो किसी अविलंबनीय लोक महत्व के मामलो से संबन्धित हो अल्पसूचना प्रश्न कहलाते है। ऐसे प्रश्न 10 दिन की अवधि से कम अवधि की सूचना देकर पुछे जाते है।

54.लोकसभा में 12 बजे से 1 बजे( तक का समय और और राज्यसभा में 11- 12 बजे तक का समय शून्यकाल होता है। शून्यकाल में बिना किसी पूर्व सूचना के किसी सदस्य द्वारा केवल लोकमहत्व के अति महत्वपूर्ण मुद्दो पर प्रश्न पुछे जाते है।

  • अविश्वास प्रस्ताव :- यह प्रस्ताव लोकसभा में विपक्षी डालो द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। प्रस्ताव के समर्थन में कम से कम 50 सदस्यो को सहमति आवश्यक है। तथा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के 10 दिन के अंदर इस पर चर्चा होना आवश्यक है। चर्चा के बाद यदि बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाये तो सरकार को त्यागपत्र देना होता है।
  • indian parliament | loksabha and rajyasabha

  • विश्वास प्रस्ताव :- विश्वास प्रस्ताव सरकार द्वारा लोकसभा में अपना बहुमत सिध्द करने के लिए लाया जाता है। विश्वास प्रस्ताव पारित न होने की दशा में सरकार को त्यागपत्र देंना होता है।
  • विधेयक :- किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तावित कानून के प्रारूप को विधेयक कहते है।
  • सरकारी विधेयक: – ऐसा विधेयक जो शासन की ओर से किसी मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। सरकारी विधेयक या सार्वजनिक विधेयक कहलाता है।
  • निजी विधेयक : – ऐसा विधेयक जो संसद के किसी सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। निजी / गैर सरकारी विधेयक कहलाता है।
  • वित्तीय विधेयक: – सामान्य तौर पर आय व व्यय से संवन्धित विधेयक वित्तीय विधेयक कहलाते है।
  • गैर वित्तीय विधेयक: – वित्तीय विधेयकों के अतिरिक्त सभी विधेयक गैर वित्तीय विधेयक कहलाते है।
  • साधारण विधेयक: – यह एक गैर वित्तीय विधेयक होता है।
  • संविधान वित्तीय विधेयक: – यह भी एक गैर वित्तीय विधेयक होता है। परंतु इसमें संविधान के प्रावधानों में संसोधन से संबन्धित विधेयक होते है।
  • धन विधेयक: – यह एक वित्तीय विधेयक होता है। इस विधेयक में अनुच्छेद में दिये गए विषयो मे से सभी या कुछ उन विषयो से संबद्ध विषय होते है। किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में लोकसभा प्रस्तुत करते है।
  • वित्तीय विधेयक- 1 : – ऐसे विधेयक जिनमें धन विधेयको से संबन्धित कोई विषय हो इसके अलावा अन्य विषय भी हो , पहले वर्ष के वित्तीय विधेयक कहलाते है।
  • वित्तीय विधेयक 2 : – ऐसे वित्त विधेयक जिसमें भारत की संचित निधि से आय व व्यय से रुपये लिखा हो तो वे वित्तीय विधेयक 2 कहलाते है।

55.गैर वित्तीय विधेयक और द्वितीय वर्ष के वित्तीय विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किए जा सकते है।

56.धन विधेयक और प्रथम वर्ग के वित्तीय विधयेक केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किए जा सकते है।

special powers of rajya sabha | about lok sabha |about rajya sabha

57.गैर वित्तीय विधयेक संसद में सरकारी सदस्य या गैर सरकारी किसी के भी द्वारा पेश किए जा सकते है।

57.वित्तीय विधेयक संसद में सिर्फ सरकारी सदस्यो द्वार ही पेश किए जा सकते है। ( मंत्री )

58.संविधान संशोधनों विधेयक और धन विधेयक पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनो की संयुक्त बैठक नहीं हो सकती है।

59.साधारण विधेयक और प्रथम व द्वितीय वर्ग के वित्तीय वर्ग के वित्तीय विधेयको  के संबंध में यदि पहले सदन द्वारा पारित विधेयक का दूसरा सदन अस्वीकार कर देता है। या संसोधन करके पहले सदन को लौटा देता है। उसे पहला सदन स्वीकार नहीं करता है। या विधेयक पर कोई कार्यवाही न करके 6 माह तक अपने पास रोके रहता है। तो राष्ट्रपति दोनों सदनो की सयुक्त बैठक बुलाता है।

60.दोनों सदनो की संयुक्त बैठक होने पर बैठक की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है।

61.धन विधेयक के संबंध में राज्यसभा विधेयक को न तो अस्वीक्रत कर सकती है न ही उसमें संसोधन कर सकती है।

62.राज्यसभा धन विधेयक को उसकी प्राप्ति की तारीख से 14 दिन के भीतर अपनी सिफारिशो के साथ लोकसभा को लौटा देती है।

63.लोकसभा,राजयसभा  की सिफ़ारिशों में से सभी को या किंही को स्वीकार करेगी या अस्वीकार करेगी।

64.यदि लोकसभा,राज्यसभा की सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लेती है।

65.तो धन विधेयक राज्यसभा द्वार सिफ़ारिश किए गए लोकसभा द्वारा स्वीकार किए गए संसोधनो साहित दोनों सदनो से पारित समझा जाएगा।

66.यदि लोकसभा,राज्यसभा की सिफ़ारिशों को अस्वीकार करती  है। या राज्यसभा 14 दिनो के भीतर धन विधेयक को लोकसभा को लौटाती नहीं है। तो धन विधेयक दोनों सदनो से उस रूप में पारित किया गया समझा जाएगा। जिस रूप में वह लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

67.संविधान संसोधन विधेयक दोनों सदनो में अलग अलग विशेष मतो द्वारा पारित किया जाता है।

indian parliament | powers of lok sabha and rajya sabha

68.धन विधेयक और प्रथम वर्ग के वित्तीय विधेयक राष्ट्रपति की सिफ़ारिश पर ही लोकसभा में पेश किए जा सकते है।

69.दोनों सदनो से पारित किए जाने के पश्चात एक साधारण विधेयक राष्ट्रपति के पास लाया जाता है। तो राष्ट्रपति विधेयक पर निम्न शक्तियों का प्रयोग करता है।

  • ( 1) राष्ट्रपति विधेयक को अनुमति देता है।
  • (2) राष्ट्रपति विधेयक को अनुमति नहीं देता है।
  • ( 3) राष्ट्रपति विधेयक को सदन को पूनर्विचार हेतु वापस लौटा सकता है।
  • ( 4) राष्ट्रपति विधेयक को अनिश्चित काल के लिए अपने पास रख सकता है। वित्त विधेयक के संबंध में राष्ट्रपति या तो अनुमति देता है या अनुमति नहीं देता है।
  • ( 5 ) संविधान संशोधन विधेयक के संदर्भ में राष्ट्रपति अनुमति दे देता है।

संचित निधि : – इस कोश से सरकार अपने सारे खर्चे पूरे करती है। इस कोश में सरकार कि सम्पूर्ण राजस्व आय , ऋण प्राप्ति तथा सरकार द्वारा दिये गए ऋण की अदायगी से प्रपट आय रखी जाती है।इस कोश से धन निकालने के लिए संसद की अनुमति आवश्यक होती है।

आकस्मिक निधि: – इस कोष से सरकार की आकस्मिक व्ययों , जिनमें विलंब नहीं किया जा सकता है। को पूरा किया जाता है। इस निधि से धन राष्ट्रपति की अनुमति से ही निकाला जा सकता है। इस निधि से धन खर्च करनेके लिए संसद की पूर्वानुमती आवश्यक नहीं है।

परंतु ऐसे खर्च  के बाद संसद(indian parliament) से स्वीकृत कराना होता है। इस कोष से व्यय हो जाने के बाद संसद  की अनुमति से संचित निधि से ही इसकी प्रतिपूर्ति की जाती है।

सार्वजनिक निधि : – ( लोकसभा निधि ) : – संचित निधि में जमा की गई धनराशियों के अलावा , अन्य लोग धनराशियों  भारत के लोकलेखा में जमा की जाएगी।

distinguish between lok sabha and rajya sabha | about lok sabha and rajya sabha

Example : संघ के क्रियाकलापो के संबंध में किसी अधिकारी या न्यायालय द्वारा प्राप्त धन

विनियोग विधेयक: – संचित निधि से धन के विनियोग के लिए लोकसभा में पेश किए गए विधेयक को विनियोग विधेयक कहते है। इस विधेयक में लोकसभा में स्वीकृत अनुदान की सभी मानो तथा संचित निधि पर भारित व्यय सम्मिलित किया जाता है।

 frequently asked questions:-

भारत के  प्रथम लोकसभा अध्यक्ष : गणेश वासुदेव

प्रथम दलित महिला लोकसभा अध्यक्ष: मावलंकर

भारत के प्रथम लोकसभा उपाध्यक्ष : अनंतशयनम  अयांगर

प्रथम राज्यसभा सभापति : – डॉ सच्चिदानंद सिन्हा


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