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True friendship story-एक कड़वा फल की शिकायत

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True friendship story

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एक कड़वा फल

दोस्तो , दोस्ती एक ऐसी चीज है जो सिर्फ नसीब वालो को ही मिलती है। क्यूंकी एक अच्छा दोस्त पाना हर किसी की किस्मत मे नहीं होता। दोस्त वो इंसान होता है जिससे आपका कोई भी खून का रिस्ता नहीं होता है। ये रिस्ता तो बस विश्वास पर टिका होता है।



किसी पर विश्वास बनाए रखना कोई छोटी बात नहीं। किसी का विश्वास जितना बहुत बड़ी बात होती है। उससे  भी बड़ी बात होती है विश्वास जीतने के बाद उसको बनाए रखना। तो दोस्त और दोस्ती दोनों ही अनमोल है। इन्हे बचा के रखना क्यूंकी यही बो लोग है। जो आपके बुरे बक्त मे काम आएंगे।

जब बुरे बक्त मे आपके खून के रिस्ते अगर दगा दे जाये तो तो एक बार सच्चे दिल से दोस्तो को याद करना। आपका सारा बुरा बक्त यूं ही टल जाएगा।

ये कहानी है ऐसे ही दो दोस्तो की जिनकी किसी तरह दोस्ती हो जाती है। उन्हे एक दूसरे की बड़ी परवाह होती है। लेकिन दोनों दोस्तो मे से एक राजा होता है। वही दूसरा दोस्त फकीर होता है। पर उनकी दोस्ती इस बात को मायने नहीं रखती थी।

short story about friendship

एक बार राजा ने अपने दोस्त फकीर को अपने यहा ठहरने  को बुला लिया । राजा और फकीर बहुत दिनो तक साथ रहे। राजा  का बहुत प्रेम उस फकीर पर हो गया। प्रेम भी इतना कि राजा  रात को भी उसे अपने कमरे में सुलाता। कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते।

एक दिन दोनों शिकार खेलने गए और रास्ता भटक गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक ही फल लगा था।राजा  ने घोड़े पर चढ़कर फल को अपने हाथ से तोड़ा।राजा  ने फल के छह टुकड़े किए और अपनी आदत के मुताबिक पहला टुकड़ा फकीर को दिया।

फकीर ने टुकड़ा खाया और बोला, ‘बहुत स्वादिष्ट! ऎसा फल कभी नहीं खाया। एक टुकड़ा और दे दें। दूसरा टुकड़ा भी फकीर को मिल गया। फकीर ने एक टुकड़ा और राजा  से मांग लिया। इसी तरह फकीर ने पांच टुकड़े मांग कर खा लिए। जब फकीर ने आखिरी टुकड़ा मांगा, तो राजा ने कहा, ‘यह सीमा से बाहर है। आखिर मैं भी तो भूखा हूं।

मेरा तुम पर प्रेम है, पर तुम मुझसे प्रेम नहीं करते।’ और सम्राट ने फल का टुकड़ा मुंह में रख लिया। मुंह में रखते ही राजा ने उसे थूक दिया, क्योंकि वह कड़वा था।

राजा बोला, ‘तुम पागल तो नहीं, ‘इतना कड़वा फल कैसे खा गए?

उस फकीर का उत्तर था, ‘जिन हाथों से बहुत मीठे फल खाने को मिले, एक कड़वे फल की शिकायत कैसे करूं?  सब टुकड़े इसलिए लेता गया ताकि आपको पता न चले।

दोस्तों जँहा मित्रता हो वँहा संदेह न हो, आओ कुछ ऐसे रिश्ते हम भी  बनाए 



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क्यूंकी दोस्ती भी एक रिस्ता है ।और हर रिस्ता अनमोल होता है । इसलिए हमे अपने हर रिस्ते की कद्र  करनी ही चाहिए। तो दोस्ती के  रिश्तो  को और मजबूत बनाने क लिए आप इस छोटी सी कहानी को अपने दोस्तो के साथ जरूर साझा  करे । जिससे उन्हे आपकी दोस्ती कएहसास बना रहे ।

मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की ये छोटी सी कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी। तो ऐसी और भी true friendship story  के लिए लगातार हमसे जुड़े रहे जिससे हम आपको और भी story in hindi पढ़ने के लिए पेश कर सके। हम फिर  लेकर हाजिर होंगे तब तक के लिए विदा लेते है।

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