fbpx

Mirabai ka jivan parichay | मीराबाई का जीवन परिचय हिंदी में ( 2021 )

Spread the love

Mirabai ka jivan parichay | मीराबाई

मीराबाई :  meerabai के जीवन के सम्बंधित संपूर्ण जानकारी हम यहाँ लिख रहे है. आगे इसे हम समय समय पर अपडेट भी करते रहेंगे. Mirabai ka jivan parichay में अगर कोई गलतियाँ हो तो हमें ज्ञात कराये .

जन्म स्थान :- चौकड़ी (मेवाड़), राजस्थान
जन्म और मृत्यु :- 1498 ई० – 1546 ई०
पिता :- रत्नसिंह
पति :- भोजराज
भाषा :- ब्रजभाषा


Mirabai books – Buy On Amazon


Meerabai biography in hindi | मीराबाई

जीवन-परिचय :-  meerabai story

जोधपुर नरेश राजा रत्नसिंह की पुत्री और भगवान कृष्ण के प्रेम की बड़ी दीवानी मीराबाई का जन्म राजस्थान में मेड़ता के पास चौकड़ी नामक ग्राम में सन् 1498 ई० में हुआ था । जोधपुर के संस्थापक राव जोधाजी की प्रपौत्री थी और बचपन में ही इनकी माता का निधन हो गया था । माता के गुजर जाने के बाद ये अपने पितामह राव दूदा जी के पास जाकर रहने लगी । वही रह कर उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी वही रहकर उनके के पास जाकर प्राप्त हो सकी ।

उनके पितामह राव दूदा जी बड़े ही धार्मिक एवं उदार प्रर्वत्ति के थे । जिनका प्रभाव मीरा के जीवन पर पूर्णरूपेण पडा था । जब मीराबाई आठ वर्ष की थी तब से ही उन्होंने श्रीकृष्ण को अपना पति स्वीकार कर लिया था, यह बात कोई नही जान सका । इनका विवाह चित्तौड़ के महाराजा राणा साँगा के ज्येष्ठ पुत्र भोजराज के साथ सम्पन्न हुआ था । और विवाह होने के कुछ वर्ष ही बाद वो विधवा हो गयी ।]

meerabai in hindi | meerabai story in hindi

अब तो इनका सारा समय दिन-रात श्रीकृष्ण-भक्ति में ही बीतने लगा । मीराबाई श्रीकृष्ण को अपना प्रियतम मानकर उनके विरह में पद गाती रहती और यह साधु-सन्तों के साथ कीर्त्तन एवं नृत्य करती । इनके इस प्रकार के व्यवहार ने पुरे परिवार और रिश्तेदारों को रुष्ट कर दिया और उन्होंने मीरा की हत्या की कई बार कोशिश की लेकिन हर बार असफल प्रयास रहा ।

अंत में राणा के दुर्व्यवहार से दुःखी होकर मीराबाईवृन्दावन चली गयी । मीराबाई की कीर्ति से प्रभावित होकर राणा ने अपनी भूल पर पश्चात्ताप किया और इन्हें वापस बुलाने के लिए कई सन्देश भेजे; परन्तु मीराबाई सदा के लिए सांसारिक बंधनो को छोड़ चुकी थी । कहा जाता है कि मीराबाई एक पद की पंक्ति ‘हरि तुम हरो जन की पीर’ गाते-गाते भगवान् श्रीकृष्ण की मूर्ति में विलीन हो गयी थी । मीराबाई की मृत्यु द्वारका में सन् 1546 ई० के आस-पास हुई थी ।

आइये इनकी कुछ साहित्यिक सेवाएँ के बारे में एक नजर डालते है ।

साहित्यिक सेवाएँ :- meerabai biography

मीराबाई के काव्य का मुख्य स्वर भक्ति-भक्ति है । इनके काव्य में इनके ह्रदय की सरलता तथा निश्छलता स्पष्ट रूप से प्रकट होती है । इनकी भक्ति-साधना ही इनकी काव्य-साधना है । दाम्पत्य-प्रेम के रूप में व्यक्त इनके सम्पूर्ण काव्य में, इनके ह्रदय के मधुर भाव गीत बनकर बाहर उमड़ पड़े है । विरह की स्थिति में इनके वेदनापूर्ण गीत अत्यन्त ह्रदयस्पर्शी बन पड़े है । इनका प्रत्येक पद सच्चे प्रेम की पीर से परिपूर्ण है । भाव-विभोर होकर गाये गए तथा प्रेम एवं भक्ति से ओत-प्रोत; आज भी तन्मय होकर गाये जाते है । कृष्ण के प्रति प्रेमभाव की व्यञ्जना ही इनकी कविता का उद्देश्य रहा है ।

आइये इनकी कुछ रचनाऐं के बारे में एक नजर डालते है ।

कृतियाँ एवं रचनाएँ :-

मीराबाई की रचनाओं में इनके ह्रदय की विह्वलता देखने को मिलती है । इनके नाम से सात-आठ रचनाओ के उल्लेख मिलते है — (1) नरसी जी का मायरा, (2) राग गोविन्द, (3) गीत गोविन्द की टीका, (4) राग-सोरठ के पद, (5) मीराबाई की मलार, (6) गरबा गीत, (7) राग विहाग तथा फुटकर पद । इनकी प्रसिद्ध का आधार ‘मीरा पदावली’ एक महत्वपूर्ण कृति है ।

भाषा-शैली :-

मीरा ने ब्रजभाषा को अपनाकर अपने गीतों की रचना की । इनके द्वारा प्रयुक्त इस भाषा पर राजस्थानी, गुजराती एवं पंजाबी की स्पष्ट छाप परिलक्षित होती है । इनकी काव्य-भाषा अत्यन्त मधुर, सरस और प्रभावपूर्ण है । इनके सभी पद गेय है । इन्होंने गीतिकाव्य की भावपूर्ण शैली अथवा मुक्तक शैली को अपनाया है । इनकी शैली में ह्रदय की तन्मयता, लयात्मकता एवं संगीतात्मकता स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है ।

बायोग्राफी | जीवन  परिचय | Biography in Hindi

Meerabai | meerabai hindi

आपको Mirabai ka jivan parichay कैसी लगी हमें जरूर बताए । भगवन आपको हमेशा खुश रखे रखे यही हमारी कामना है।अगर आपको अपनी कोई पोस्ट अपडेट करनी है तो लिख भेजिये हमें [email protected] पर।

ये भी पढे ⇓⇓⇓⇓⇓⇓

Biography of mahatma gandhi 

Jayshankar Prasad | जयशंकर प्रसाद

Dr Rajendra Prasad | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जीवन परिचय

आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने हमारी Mirabai ka jivan parichay पोस्ट को पूरा पढ़ा और  शेयर किया .

3 thoughts on “Mirabai ka jivan parichay | मीराबाई का जीवन परिचय हिंदी में ( 2021 )”

Comments are closed.

error: Content is protected !!